RBI के रेपो दर बढ़ाने के फैसले से प्रभावित होगी मकानों की बिक्री

Thursday, Aug 02, 2018 - 10:57 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः प्रापर्टी डेवलपर और सलाहकार मानते हैं कि प्रमुख नीतिगत दर रेपो में वृद्धि करने के रिजर्व बैंक के फैसले से आवासीय इकाइयों की बिक्री प्रभावित हो सकती है। रेपो दर बढ़ने से आवास ऋण पर ब्याज दर बढ़ सकती है। रिजर्व बैंक ने दो महीने में दूसरी बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। रिजर्व बैंक ने आने वाले दिनों में महंगाई का आंकड़ा बढ़ने की चिेंता में यह कदम उठाया है।

रियल एस्टेट कंपनियों के मालिकों के संगठन नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र की नजर से यदि देखा जाए तो इस वृद्धि का मकान खरीदारों की धारणा पर नकारात्मक असर होगा, और मकानों की बिक्री कम होगी।’’  उल्लेखनीय है कि रियल एस्टेट क्षेत्र मांग की कमी और आवासीय परियोजनाओं को तैयार करने में होने वाली देरी की वजह से कईसालों से मंदी के दौर से गुजर रहा है। प्रापर्टी क्षेत्र के सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल ने कहा कि मुद्रास्फीति के रूझान को देखते हुए रेपो दर की वृद्धि उम्मीद के अनुरूप रही है।

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि इस वृद्धि का असर आवास ऋण की दरों पर हो सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर रियल एस्टेट क्षेत्र इस समय मजबूती में खड़ा है और इस तरह के मामूली बदलावों से नहीं मकान खरीदने वालों का निर्णय नहीं बदल सकता है। सीबीआरई की भारत और दक्षिण पूर्वी एशिया इकाई के चेयरमैन अंशुमान मैगजींन ने कहा, ‘‘आरबीआई की इस मौद्रिक नीति घोषणा के बाद ज्यादातर बैंक अपनी जमा और ऋण की ब्याज दरों को नए सिरे से तय करेंगे। बहरहाल, इस बदलाव से रियल एस्टेट क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है क्योंकि ज्यादातर आवास ऋण 15 से 20 साल की लंबी अवधि के होते हैं और इस दौरान ब्याज दरों में घटबढ़ का दौर चलता रहता है जिससे कि समूची अवधि में इसमें संतुलन बन जाता है।’’      

Supreet Kaur

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