सचिन बंसल ने मद्रास हाईकोर्ट में ED के नोटिस को दी चुनौती
punjabkesari.in Monday, Sep 06, 2021 - 12:09 PM (IST)

चेन्नईः दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट से सचिन बंसल विदा ले चुके हैं और उन्होंने फाइनेंशियल सर्विस कंपनी नावी टेक्नोलॉजीज शुरू की है। इस बीच सचिन बंसल ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के इस साल एक जुलाई के कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी। ईडी ने उन्हें और एक अन्य व्यक्ति को करीब 23 हजार करोड़ रुपए से जुड़े एफडीआई पॉलिसी के कथित उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बंसल की याचिका में नोटिस को खारिज करने का आग्रह करते हुए इसे अवैध और मनमाना करार दिया गया है।
बता दें कि अपने पहले वेंचर फ्लिपकार्ट को छोड़ने के बाद सचिन बंसल ने दिसंबर 2018 में अपने दोस्त अंकित अग्रवाल के साथ मिलकर नावी टेक्नोलॉजीज की स्थापना की। नावी लेंडिंग, जनरल इंश्योरेंस, म्यूचुएल फंड, माइक्रो फाइनेंसिंग के काम में हैं।
मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित
जस्टिस आर महादेवन ने बंसल की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करने में 12 साल की देरी को लेकर अथॉरिटी की खिंचाई की। जस्टिस ने ईडी और उसके अधिकारियों को जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ता के खिलाफ फेमा की धारा 16 के तहत मामला शुरू करने के लिए कारण बताओ नोटिस बेंगलुरु में ईडी के उप निदेशक की एक शिकायत के आधार पर जारी किया गया था। फेमा के विभिन्न प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर नोटिस फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल, एसेल, टाइगर ग्लोबल, सुब्रत मित्रा (एसेल के नॉमिनी डायरेक्टर) और ली फिक्सेल (टाइगर ग्लोबल के नॉमिनी डायरेक्टर) को भी जारी किए गए।
ये नोटिस 2009-14 के दौरान विदेशी निवेशकों को फ्लिपकार्ट ग्रुप की कुछ कंपनियों के शेयर जारी करने के संबंध में एक अप्रैल 2010 की कॉन्सलिटेड फाॅरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट पॉलिसी के तहत निर्धारित शर्त के कथित तौर पर नॉन कंप्लायंस के लिए जारी किए गए।