व्यक्तिगत आवास ऋण पर बैंकों के लिए जोखिम पूंजी प्रावधानों को किया गया सरल

punjabkesari.in Friday, Oct 09, 2020 - 02:05 PM (IST)

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक गतिविधियों में आवास क्षेत्र के महत्व को देखते हुए व्य​क्तिगत आवास ऋण पर बैंकों के जो​खिम संबंधी प्रावधानों में ढील देने का फैसला किया है। इससे बैंकों को पूंजी का प्रावधान कम करना होगा और वे अधिक आवास ऋण देने के ​लिए प्रोत्साहित होंगे। 

रिजबै बैंक की मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2022 तक मंजूर किए जाने वाले सभी आवास ऋणों के लिए अब केवल कर्ज की राशि और आवासीय सम्पत्ति के मूल्य के अनुपात (एलटीवी) की कसौटी ही लागू होगी। आरबीआई ने कहा है कि अब आवासीय सम्पत्ति मूल्य के 80 प्र​तिशत ​तक के कर्ज पर बैंकों के लिए 35 प्रतिशत जोखिम भारांक के आधार पर पूंजी का प्रावधान रखना होगा। इसी तरह 90 प्रतिशत तक के कर्ज के लिए जोखिम मानक 50 प्रतिशत भारांक के अनुसार पूंजी रखनी होगी। अभी तक बैंकों के लिए कर्ज की रा​​शि और एलटीवी दोनों के आधार पर अलग अलग जो​​खिम भारांक के अनुसार प्रावधान करना होता था। 

आरबीआई ने कहा कि जोखिम भारांक की कसौटी को तर्कसंगत बनाने से 'बैंक व्यक्तिगत आवास कर्ज देने को प्रोत्साहित होंगे।' रिजर्ब बैंक ने कहा है कि आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में आवास ​विकास क्षेत्र के महत्व को देखते हुए कर्ज पर जो​खिम पूंजी संबंधी प्रावधानों को तर्क संगत बनाने का यह निर्णय किया गया है।  


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jyoti choudhary

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