15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, जुलाई में 7.44% रही रिटेल इंफ्लेशन

punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2023 - 06:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः टमाटर, अदरक और दूसरी सब्जियों की कीमतों में तेजी से जुलाई महीने में महंगाई काफी बढ़ गई। सरकार ने सोमवार को जुलाई महीने के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किये हैं। जुलाई में भारत की खुदरा महंगाई 15 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई। जुलाई में यह 7.44 फीसदी दर्ज हुई। जून में यह 4.81 फीसदी रही थी। जुलाई महीने में महंगाई रॉयटर्स के पोल से आए अनुमान से अधिक रही है। 

जुलाई में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर स्लैब 6 फीसदी के पार जा पहुंची है। आंकड़ों के मुताबिक शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 7.63 फीसदी रही है जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.20 फीसदी रही है। 

महंगी हुई खाने-पीने की चीजें

सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर को लेकर जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जुलाई में खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है जो जून में 4.49 फीसदी रही थी यानि एक ही महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में दोगुनी से ज्यादा उछाल देखने को मिली है।

थोक मुद्रास्फीति में लगातार चौथे माह गिरावट

खाद्य वस्तुओं विशेषरूप से सब्जियों के दाम में तेजी के बावजूद थोक मुद्रास्फीति में जुलाई में लगातार चौथे माह में गिरावट आई और यह शून्य से 1.36 प्रतिशत नीचे रही। हालांकि गिरावट की दर मासिक आधार पर कम हुई है। सब्जियों की कीमतों में 62.12 प्रतिशत की वृद्धि के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में जून में 4.12 प्रतिशत की गिरावट आई थी। पिछले साल जुलाई में यह 14.07 प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.25 प्रतिशत रही, जो जून में 1.32 प्रतिशत थी।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा, ‘‘जुलाई, 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातुओं, रसायन व रसायन उत्पादों, कपड़ा और खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के कारण आई है।’’ केयर एज की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि यदि खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ती रहीं, तो आने वाले महीनों में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति सकारात्मक दायरे में आ सकती है। ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 12.79 प्रतिशत नीचे रही, जो जून में शून्य से 12.63 प्रतिशत नीचे थी। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति में मई में 2.51 प्रतिशत की गिरावट रही। जून में इसमें 2.71 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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