NBFC के संबंध में रिजर्व बैंक की घोषणा स्वागतयोग्यः एसोचैम

punjabkesari.in Saturday, Oct 20, 2018 - 04:01 PM (IST)

नई दिल्लीः उद्योग जगत ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों को प्रोत्साहित करने की आरबीआई की पहल का शनिवार को स्वागत किया। उद्योगों का मानना है कि रिजर्व बैंक के इस कदम से एनबीएफसी में नकदी का संकट दूर करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम की विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के इस कदम से यह भी संदेश जाएगा कि एनबीएफसी को लेकर हाल के घटनाक्रमों से किसी तरह की प्रणालीगत समस्या का संकेत नहीं है बल्कि यह केवल धारणा प्रभावित होने से जुड़ा मामला है जो कि एक बड़े एनबीएफसी के डिफाल्ट होने की वजह से प्रभावित हुई।

इन उपायों के तहत बैंक एनबीएफसी और एचएफसी को जितना अधिक कर्ज देंगे उन्हें उसी के बराबर अपने पास की सरकारी प्रतिभूतियों को रिजर्व बैंक के पास रख कर उसके आधार पर कर्ज लेने के लिए इस्तेमाल की छूट होगी। इससे बैंकों के पास कर्ज देने योग्य धन बढ़ सकता है और वे अधिक कर्ज सहायता देने की स्थिति में होंगे।यह सुविधा 19 अक्टूबर को एनबीएफसी/ एचएफसी पर बैंकों के बकाया कर्ज के स्तर से ऊपर दिए गए कर्ज के लिए होगी और आगामी दिसंबर तक जारी रहेगी। उम्मीद है कि इससे बैंकों के पास 50,000 से 60,000 करोड़ रुपए एनबीएफसी को ऋण के रूप में देने के लिए उपलब्ध हो सकेंगे।

एसोचैम के मुताबिक दीर्घकालिक ऋण देने वाली वित्तीय कंपनियों जैसे कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनीज और ढांचागत क्षेत्र को वित्तपोषण करने वाले एनबीएफसी के मामले में संपत्ति देनदारी असंतुलन अधिक मायने रखता है। एक आदर्श एनबीएफसी मॉडल एक खुदरा ऋण देने वाला मॉडल है जो कि दो से पांच साल की अवधि के लिए कर्ज देता है। इनमें संपत्ति देनदारी मामले में अंतर होना चिंता की बात नहीं है। पिछले कुछ सालों के दौरान एनबीएफसी ने अच्छी वृद्धि दर्ज की है। इनमें पूंजी पर्याप्तता अनुपात भी उनके लिये तय न्यूनतम स्तर से भी ऊपर रहा है। यह वृद्धि उनकी बेहतर संपत्ति गुणवत्ता से भी परिलक्षित होती है।


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Supreet Kaur

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