GST: ट्रांसपोर्टेशन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी, टैक्स चोरी पर लगेगी लगाम

punjabkesari.in Saturday, Apr 15, 2017 - 10:58 AM (IST)

नई दिल्लीः गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) में टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत 50 हजार रुपए से ज्यादा के प्रोडक्ट को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए पहले 'ई-वे बिल' रजिस्ट्रेशन कराना होगा। टैक्स चोरी रोकने के लिए कर अधिकारी माल के परिवहन के दौरान रास्ते में कहीं भी इसकी जांच कर सकेंगे। इन प्रोडक्ट्स की डिलिवरी के लिए अधिकतम 15 दिन का समय दिया जाएगा।

कारोबारियों को कराना होगा ई-वे रजिस्ट्रेशन
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सी.बी.ई.सी.) ने इस संबंध में नए नियम जारी किए हैं। इसके अनुसार 50 हजार रुपए से ज्यादा के प्रोडक्ट को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने से पहले कारोबारियों को इलैक्ट्रॉनिक वे (ई-वे) बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जी.एस.टी. नैटवर्क (जी.एस.टी.एन.) वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बिना राज्य के अंदर और राज्य के बाहर ले जाने पर रोक रहेगी। जी.एस.टी.एन. पर ई-वे बिल 1 से लेकर 15 दिनों के लिए मिलेगा।

सामान की दूरी के हिसाब से मिलेगा बिल
प्रोडक्ट्स की डिलिवरी के लिए समय सामान की दूरी के आधार पर दिया जाएगा। सामान को 100 किलोमीटर तक ले जाना है तो 1 दिन का समय दिया जाएगा। वहीं अगर सामान को 1000 किलोमीटर से ज्यादा दूर ले जाना है तो 15 दिन का समय दिया जाएगा। नए नियमों के अनुसार टैक्स चोरी की सूचना पर यह कार्रवाई की जाएगी, जो अधिकारी चेकिंग करेंगे उनको 24 घंटे के अंदर इस के बारे विभाग में रिपोर्ट देनी होगी। वहीं अगर टैक्स अधिकारी वाहन को 30 मिनट से ज्यादा देर के लिए रोकते हैं तो इसकी सूचना ट्रांसपोर्टर जी.एस.टी.एन. सर्वर पर दे सकता है।

रिकॉर्ड रखना होगा संभाल कर
ई-वे बिल में रजिस्ट्रेशन के बाद आपूर्तिकर्ता को एक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया जाएगा। साथ ही में यहा रजिस्ट्रेशन नंबर (ई.बी.एन.) ट्रांसपोर्टर को भी जारी किया जाएगा। इस बात की जानकारी ड्रॉफ्ट बिल में जारी की गई है। इसके अनुसार ट्रांसपोर्टर को यह रिकॉर्ड अपने साथ रखना होगा। इसको या तो बिल के रूप में रखा जाए या अगर वाहन में रेडियो फ्रीक्वेंशी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आर.एफ.आई.डी.) लगी है, तो इलैक्ट्रॉनिक मोड में वह रख सकता है। टैक्स अधिकारी इस सामान के ट्रांसपोर्टेशन के दौरान कहीं भी चेकिंग कर सकेंगे। इस दौरान अधिकारियों को ई-वे बिल की हार्ड कॉपी या इलैक्ट्रॉनिक मोड में इसे दिखाना होगा। यह चेकिग राज्य के अंदर या राज्य के बाहर कहीं भी की जा सकेगी।


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