पामतेल का शुल्क घटाने से मार्जिन सुधारने, कीमत स्थिर करने में मदद मिलेगी: विशेषज्ञ
punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 10:20 AM (IST)

नई दिल्लीः पाम, सोया और सूरजमुखी सहित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती से एफएमसीजी कंपनियों को अपने मार्जिन में सुधार करने और लागत को स्थिर करने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने यह राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि रोजमर्रे की जरूरत का सामान बनाने वाली कंपनियां खाद्य पदार्थों में पाम तेल का इस्तेमाल करती हैं। इस कदम से न केवल खाद्य कंपनियों को फायदा होगा, जिनके लिए पामतेल उनके कच्चे माल की लागत का लगभग 25-30 प्रतिशत है, बल्कि साबुन निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पाद पीएफएडी (पाम फैटी एसिड डिस्टिलेट) की कीमतें भी कम होंगी। सरकार ने पिछले सप्ताह कच्चे खाद्य तेलों पर मूल आयात कर में 10 प्रतिशत की कमी की थी। शुल्क में कटौती 31 मई, 2025 से प्रभावी है।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल), जो सिंथॉल और गोदरेज नंबर वन जैसे साबुन ब्रांडों का मालिक है, ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया। कंपनी ने कहा कि इससे उन्हें लागत को स्थिर रखने में मदद मिलेगी। जीसीपीएल के बिक्री प्रमुख (भारत) कृष्ण खटवानी ने कहा, ‘‘पामतेल पर आयात शुल्क कम करने का सरकार का फैसला एक सकारात्मक कदम है। वैश्विक पाम ऑयल की कीमतों में नरमी के शुरुआती संकेतों के साथ-साथ यह कदम लागत को स्थिर करने में मदद करेगा।''
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 प्रतिशत शुल्क कटौती ‘उपभोक्ता मासिक मुद्रास्फीति को कम करेगी और खाद्य कंपनियों की लागत को कम करेगी।' बीकाजी फूड्स, ब्रिटानिया, नेस्ले और आईटीसी जैसे खाद्य क्षेत्रों में काम करने वाली एफएमसीजी कंपनियां इस पहल की प्रमुख लाभार्थी होंगी।