रेपो रेट में फिर बदलाव न होने से रियल एस्टेट सेक्टर ने किया स्वागत, डेवलपर्स ने कहा-RBI के फैसले से मिलेगा बूस्ट

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2024 - 05:29 PM (IST)

नई दिल्लीः रियल एस्टेट सेक्टर ने रेपो दरों को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले साल से आई तेजी को एक बार फिर पंख मिले हैं। आरबीआई के इस कदम से होम बॉयर्स से लेकर रियल एस्टेट के कारोबारियों के लिए एक बार फिर से राहतभरी खबर है। रियल एस्टेट के दिग्गजों ने आरबीआई के इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि कुछ डेवलपलर्स को पिछले एक साल में अधिकांश शहरों में आवास की कीमतें बढ़ने से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार सातवीं बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। इसका मतलब है कि रियल एस्टेट या होम लोन ईएमआई पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। चूंकि रेपो दर फिर से अपरिवर्तित रही है, इसलिए बैंकों द्वारा जल्द ही अपनी उधार दरों को समायोजित करने की संभावना नहीं है। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई फिलहाल वही रहेगी। आरबीआई के इस घोषणा के बाद रियल्टी डेवलपर्स ने खुशी जताते हुए कहा कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार और होम बायर्स दोनों को फायदा मिलेगा। रियल एस्टेट सेक्टर के अलग-अलग दिग्गजों ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

मनोज गौड़, गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष
आरबीआई का निर्णय बेहद ही सराहनीय कदम है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार मजबूत प्रदर्शन के साथ रेपो रेट को लगातार सातवीं बार स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा संकेत होगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े अभी भी थोड़ी चिंता का विषय है। यह आरबीआई द्वारा एक अच्छा संतुलन निर्णय है। हमें उम्मीद है कि इस कदम से भारत को मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी जिसके बाद हम देश को कम ब्याज दर वाली व्यवस्था में प्रवेश करते देखेंगे। साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में गिरावट एक चिंता का विषय है जिसके लिए रेपो रेट में कटौती के रूप में राहत की जरूरत है।

अमित मोदी, डायरेक्‍टर, काउंटी ग्रुप
एक बार फिर से आरबीआई ने रेपो दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है जो निश्चित रूप से रियल एस्टेट सेक्टर के लिए फायदेमंद है। आरबीआई का यह निर्णय निवेशकों और घर खरीदारों दोनों के लिए अच्छा साबित होगा। आरबीआई के निर्णय से स्पष्ट संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हमें यकीन है कि भारत की बढ़ती आर्थिक लचीलापन और मुद्रास्फीति की गिरावट की प्रवृत्ति के साथ रेपो दर में और गिरावट आएगी और पहले से ही रिकॉर्ड तोड़ रहे रियल्टी क्षेत्र की ताकत में वृद्धि होगी।

अजेंद्र सिंह, स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो, वाइस प्रेजीडेंट (सेल्‍स एंड मार्केटिंग)
लगातार सातवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय संभावित बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी संपत्ति खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है। निश्चित रूप से आरबीआई के फैसले से किफायती और मध्य-श्रेणी की कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।

प्रदीप अग्रवाल, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड, फाउंडर और चेयरमैन
आरबीआई ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट को स्थिर रखकर एक बार फिर अच्छी पहल की है। स्थिर रेपो रेट होम बायर्स के लिए विश्वसनीयता और आत्मविश्वास प्रदान करेगी। निःसंदेह इस स्थिरता का रियल एस्टेट सेक्टर के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

कुशाग्र अंसल, डायरेक्‍टर, अंसल हाउसिंग
रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्केट में सकारात्‍मक राइज की उम्मीद है। बढ़ते हाउसिंग एक्सपेंस के बावजूद, अपरिवि‍र्तत होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत देंगी। जिससे सेक्टर में कॉन्फिडेंस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा। आरबीआई का निर्णय नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत और रुचि के उभरते सेक्टर्स में डेवलपमेंट के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
विकास भसीन, सीएमडी, साया ग्रुप

आरबीआई ने रेपो दरों को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखकर एक स्वागत योग्य कदम उठाया है। यह कदम इस क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक डेवलपर्स और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे उन्हें ऋण ब्याज दरों के मामले में राहत मिलेगी, साथ ही सरकार द्वारा मुद्रास्फीति को संतुलित करने के उपायों से उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा। सरकार खरीदारों की भावनाओं और अपेक्षाओं का काफी ख्याल रखती है और इस क्षेत्र के लिए हमारे अनुकूल निर्णय ले रही है जिससे इसके विकास को बढ़ावा मिलता है।

रजत गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, एमआरजी ग्रुप
रिजर्व बैंक ने सातवीं बार रेपो रेट में 6.50 फीसदी की स्थिरता का निर्णय कर रियल एस्टेट सेक्टर को राहत दी है। फेस्टिव सीजन नजदीक आने पर इससे संभावित खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा। चूंकि रेपो दर को अंतिम बार बढ़ाए हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है और कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, इससे निश्चित रूप से बॉयर्स को बढ़ी हुई ऋण ब्याज दरों का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। बॉयर्स बिना किसी बढ़ी हुई लागत या वित्तीय बोझ के रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश जारी रख सकते हैं। आरबीआई का निर्णय सराहनीय है और हम इस उपाय से महंगाई पर अंकुश लगाने के कदम का स्वागत करते हैं।

डॉ. अमिष भूटानी, मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रुप 108
रेपो दरों को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है जो रियल एस्टेट क्षेत्र में देखी जा रही तेजी को बनाए रखेगा। कॉमर्शियल सेक्टर में विशेष रूप से सकारात्मक मांग होने की उम्मीद है क्योंकि वित्तीय अस्थिरता सुलझ गई है और ब्याज दरें समान बनी हुई हैं। इससे इस क्षेत्र की ओर संभावित खरीदारों का प्रवाह भी बढ़ेगा क्योंकि इस क्षेत्र में निवेश करने से उनकी जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा। हमें उम्मीद है कि अधिकारियों का रुख अनुकूल रहेगा, जिससे आगामी घोषणाओं में रियल एस्टेट क्षेत्र को भी लाभ होगा।

यश मिगलानी, एमडी, मिसगन ग्रुप
कुल मिलाकर रियल एस्टेट के लिए रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय एक बेहतर निर्णय है। देश की अर्थव्यवस्था के असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करने और अच्छी जीडीपी वृद्धि और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के अनुमान के साथ यह सेक्टर आने वाले समय में भी अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखेगा। हालांकि, टियर 2 और 3 शहरों में मूल्य-संवेदनशील किफायती आवास और रियल एस्टेट विकास चिंता का विषय है। यदि रेपो दरों में कटौती होती तो रियल एस्टेट डेवलपर्स को अपने आवास के सपनों को साकार करने में मदद मिलती।

संजय शर्मा, डायरेक्‍टर, एसकेए ग्रुप
लगातार सातवीं बार रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में सराहनीय उछाल की उम्मीद है। आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर होम लोन दरों से घर खरीदारों को कुछ राहत मिलेगी। इसके अलावा, अपरिवर्तित ब्याज दरों से खरीदारों और डेवलपर्स को लाभ होगा जिससे क्षेत्र में मजबूत उपभोक्ता विश्वास और निवेश स्थापित होगा। रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से नई परियोजनाएं स्थापित होंगी और उभरते क्षेत्रों में विकास का विस्तार होगा।


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Content Writer

Yaspal

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