RBI ने चौथी बार रेपो रेट 0.35 फीसदी घटाया, सस्ता होगा लोन

Wednesday, Aug 07, 2019 - 11:50 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान रेपो रेट में 0.35 फीसदी कटौती की है। आरबीआई के इस फैसले के साथ अब रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटकर 5.40 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.15 फीसदी हो गया है और इससे लोन भी सस्ता हो जाएगा। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। बता दें कि वर्तमान में आरबीआई बैंकों को 5.75 फीसदी की दर पर ब्याज देता है। रिवर्स रेपो रेट 5.50 फीसदी है। समिति की अगली बैठक एक, तीन और चार अक्टूबर 2019 को होगी।

सस्ता होगा लोन
रेपो रेट में कटौती के साथ ही बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। दरअसल, आरबीआई के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा। इससे लोगों को लोन सस्ते में मिल जाएगा। इसके अलावा जो होम, ऑटो या अन्य प्रकार के लोन फ्लोटिंग रेट पर लिए गए हैं, उनकी ईएमआई में भी कमी हो जाएगी। इससे पहले फरवरी, अप्रैल और जून में आरबीआई ने रेपो रेट में कैंची चलाई थी।

बैठक के प्रमुख अंश

  • रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी किया।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 3.1 फीसदी तथा दूसरी छमाही में 3.5 से 3.7 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान।
  • आरबीआई ने मौद्रिक नीति के लिए नरम रुख बरकरार रखा। उसने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य के दायरे में रहेगी।
  • वित्त वर्ष 2020 के पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं इस अवधि में खुदरा महंगाई 3.6 फीसदी रह सकती है जबकि अक्टूबर-मार्च में खुदरा महंगाई के 3.5-3.7 फीसदी रहने का अनुमान है।


क्या होती है रेपो और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।

Supreet Kaur

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