RBI के फैसले से वृद्धि को समर्थन मिलेगा, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगेगा: उद्योग विशेषज्ञ

punjabkesari.in Friday, Oct 06, 2023 - 06:21 PM (IST)

मुंबईः प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले को उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने उम्मीद के मुताबिक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे वृद्धि को समर्थन मिलेगा और मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में किए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया गया है। 

रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए इसका उपयोग करता है। साथ ही एमपीसी ने उदार मौद्रिक रुख को आगे चलकर वापस लेने की बात भी कही है। उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा कि आरबीआई ने रेपो दर और समग्र रुख में कोई बदलाव नहीं किया है, और वृद्धि का समर्थन करने पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि यह चरम पर है और निकट अवधि में कीमतों में सुधार होगा।'' बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि नीति उम्मीद के मुताबिक थी और ऐसा लगता है कि वित्त वर्ष के अंत तक यथास्थिति बनी रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगले साल की पहली तिमाही के अंत तक रेपो में पहली कटौती हो सकती है।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित ने कहा कि आरबीआई ने नकदी को नियंत्रित करने के लिए ओएमओ बिक्री का इस्तेमाल करने की जरूरत पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि इससे बॉन्ड बाजारों की धारणाएं प्रभावित होंगी। अनंत राज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमित सरीन ने नीति का स्वागत किया और कहा कि इससे आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। एस्सार पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ राजीव अग्रवाल ने कहा कि रेपो दर को लगातार चौथी बार अपरिवर्तित रखने का फैसला आरबीआई के विवेकपूर्ण नजरिये को दिखाता है।  


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Content Writer

jyoti choudhary

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