RBI के नए नियमों से 1 मार्च से बंद हो सकते हैं आधे ATM, बन सकते हैं नोटबंदी जैसे हालात

punjabkesari.in Saturday, Feb 09, 2019 - 03:00 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के नए नियम ए.टी.एम. चलाने वाली कम्पनियों के लिए मुसीबत बन गए हैं। ए.टी.एम. चलाने की लागत बढऩे और आर.बी.आई. के नए नियमों के कारण ए.टी.एम. चलाने में कम्पनियों को कोई मार्जिन नहीं बच रहा है। इस स्थिति से उबरने के लिए कम्पनियां सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से ए.टी.एम. से लेन-देन पर लगने वाले चार्ज को बढ़ाने की राय दे रहे हैं। कम्पनियों का दावा है कि अगर यह चार्ज नहीं बढ़ाया गया तो 1 मार्च से देश भर में आधे से ज्यादा ए.टी.एम. उन्हें बंद करने पड़ेंगे। इससे देश में एक बार फिर नोटबंदी जैसा हालात हो सकते हैं जब लोगों को कैश निकालने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा था।  

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नए नियम बने मुसीबत
ज्यादातर सभी बैंक 80 से 90 फीसदी ए.टी.एम. सर्विस को आऊटसोर्स करते हैं। ए.टी.एम. की इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस से जुड़ी कम्पनी सिक्योरन्स सिस्टम के एम.डी. सुनील उडुपा ने बताया कि आर.बी.आई. के नए नियमों से ए.टी.एम. चलाने की लागत और बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि अभी वैन में कैश के साथ कैसेट्स भी जाते हैं। अगर एक वैन 10 ए.टी.एम्स के लिए कैश लेकर जाती है तो उसके पास इतनी जगह नहीं होती कि वह दोगुनी संख्या में कैसेट्स लेकर जाए। दूसरा, सामान्य गार्ड की तुलना में आम्र्ड गार्ड लेकर जाने से कॉस्ट दोगुनी हो जाती है क्योंकि उसका वेतन ज्यादा होता है।

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ATM चलाने की बढ़ी लगात 
ए.टी.एम. कम्पनियों के मुताबिक मुंबई जैसी प्राइम लोकेशन में ए.टी.एम. साइट का किराया 40,000 रुपए पड़ता है। छोटे शहरों में भी ए.टी.एम. साइट का किराया 8,000 से 15,000 रुपए तक पड़ता है। इसमें सिक्योरिटी स्टाफ का वेतन, मैंटीनैंस चार्ज और बिजली खर्च मिलाकर ए.टी.एम. चलाना काफी महंगा पड़ रहा है। ए.टी.एम. की सुरक्षा एक बड़ी परेशानी भी बन रही है जिस पर बैंकों की तरफ से कोई खास काम नहीं किया जा रहा है। 

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बदल गए हैं आर.बी.आई. के नए नियम 
आर.बी.आई. ने ए.टी.एम. में लगने वाले कैसेट्स (जिनमें नोट रखे जाते हैं) की संख्या को डबल कर दिया है। कैश ले जाने वाले वैन में आर्म्ड गार्ड रखने के लिए कहा गया है। ए.टी.एम. में साइबर सिक्योरिटी को पहले से और पुख्ता करने के लिए कहा गया है।

देश में करीब 2.40 लाख ATM
अभी देश में करीब 2.40 लाख ए.टी.एम. हैं और इनमें से 50 से 60 फीसदी ए.टी.एम. बंद हो सकते हैं क्योंकि इनको चलाने में घाटा हो रहा है। ऐसे में छोटे और बड़े शहरों में ए.टी.एम. के बंद होने से कैश की किल्लत आ सकती है। 


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jyoti choudhary

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