RBI ने रेपो रेट में की 0.25% बढ़ौतरी, बढ़ेगी लोन की EMI

Wednesday, Jun 06, 2018 - 03:23 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की तीन दिवसीय बैठक में आज ब्याज दरें बढ़ा दी गई है। इसमें रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ौतरी की गई है। बढ़ौतरी के बाद नया रेपो रेट 6.25 फीसदी और नया रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है। रिज़र्व बैंक के इस कदम के बाद नया लोन लेना तो महंगा होगा ही, आपके पुराने लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी। कच्चे तेल में तेजी, महंगाई और रुपए में गिरावट के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया है। 

4 साल बाद ब्याज दरों में बढ़ौतरी
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक 3 दिन चली। आमतौर पर यह बैठक 2 दिन होती है लेकिन प्रशासनिक अनिवार्यताओं के चलते पहली बार एमपीसी की बैठक 3 दिन चली। यह नए वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक है। बता दें कि आरबीआई ने जनवरी 2014 में आखिरी बार रेपो रेट में बढ़ौतरी की थी। उस समय यह 8 फीसदी पर थी। इसके बाद से इसमें कई बार कमी की गई।

बैठक की मुख्य बातें

  • रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019 ग्रोथ अनुमान 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है
  • अप्रैल-सितंबर के बीच जीडीपी ग्रोथ 7.5-7.6 फीसदी रहने का अनुमान है
  • अक्टूबर-मार्च के बीच जीडीपी ग्रोथ 7.3-7.4 फीसदी रहने का अनुमान है
  • अप्रैल-सितंबर के बीच महंगाई दर 4.8-4.9 फीसदी रहने का अनुमान है 
  • अक्टूबर-मार्च के बीच महंगाई दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान है
  • 2018-19 के लिए सामान्य मानसून की भविष्यवाणी कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है


अप्रैल में नहीं किया था बदलाव
एमपीसी ने 3-4 अप्रैल को हुई अपनी पिछली बैठक में बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। आरबीआई ने इस बैठक में रेपो रेट को 6 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा था। बता दें कि अगस्त 2017 से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है।

समिति में शामिल हैं ये सदस्य 
मौद्रिक नीति समिति में सरकार द्वारा नामित सदस्यों में चेतन घाटे, पामी दुआ, रवीन्द्र एच ढोलकिया शामिल हैं। वहीं रिजर्व बैंक की तरफ से गवर्नर उर्जित पटेल, मौद्रिक नीति प्रभारी डिप्टी गवर्नर विरल.ए. आचार्य और बैंक के कार्यकारी निदेशक मिशेल डी पात्रा इसके सदस्य हैं।

क्या होती है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे।

रिवर्स रेपो रेट
यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।  

Supreet Kaur

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