रियल्टी कंपनियां चाहती हैं, अब ऋण पर ब्याज दर घटाएं बैंक

Tuesday, Oct 04, 2016 - 06:21 PM (IST)

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक को अब बैंकों पर ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को देने के लिए दबाव बनाना चाहिए। रियल्टी क्षेत्र की कंपनियों और सलाहकारों ने आज मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर 6.25 प्रतिशत करने का स्वागत करते हुए कहा कि अब बैंकों को आवास ऋण पर ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए जिससे आवास क्षेत्र की मांग बढ़ाई जा सके।

क्रेडाई के अध्यक्ष गेतांबर आनंद ने कहा, ‘‘हम दरों में कटौती का स्वागत करते हैं लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब बैंक इसका लाभ आवास ऋण लेने वाले ग्राहकों तथा अन्य खुदरा ग्राहकों को दें। एेसा हो नहीं रहा है। यह अनुचित है। रिजर्व बैंक कों बैंकों पर दरों में कटौती के लिए दबाव बनाना चाहिए।’’ देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी डी.एल.एफ. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव तलवार ने कहा, ‘‘यह रिजर्व बैंक द्वारा काफी अच्छी घोषणा है। नए गवर्नर और मौद्रिक नीति समिति ने एक प्रगतिशील फैसला लिया है।’’  

तलवार नारेडको के चेयरमैन भी हैंं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में आगे वृद्धि से आवास क्षेत्र की मांग पर सकारात्मक असर पड़ेगा। रियल एस्टेट विशेषज्ञ तथा लोटस ग्रींस के समूह निदेशक तपन संगल ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छी है। हम उम्मीद करते हैं कि बैंक इसका लाभ अंतिम उपभोक्ता को देंगे। यह कटौती एेसे समय की गई है जबकि रियल एस्टेट कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। इससे ग्राहक खरीद के बारे में फैसला कर सकेंगे। अल्फाकार्प के मुख्य कार्यकारी आशिष सरीन ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंकों के धन की लागत कम होगी और इस लिए बैंकों को चाहिए कि वे अपनी आधार दरें घटा कर इसका फायदा गृहण ऋणवालों को दें। उन्होंने उम्मीद जताई की यह निर्णय ‘रियल एस्टेट क्षेत्र में उत्साह जगाने वाला’ हो सकता है।  
 

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