रुपए और बॉन्ड में हैं उतार-चढ़ाव के आसार

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2016 - 03:04 PM (IST)

मुंबईः यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की निकासी या उसमें टिके रहने के फैसले से भारतीय ब्रॉन्ड व मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा, जहां भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ सकती है और अधिकारियों के प्रभावी संवाद की भी, ताकि स्थिति नियंत्रित रहे।

 

मोटे तौर पर ऐसी किसी बड़ी गटना से पहले वित्तीय संपत्ति संभावित नतीजे को कीमतों में समायोजित कर लेता है। वास्तविकता यह है कि ब्रिटेन कीनिकासी या इसके टिके रहने की संभावना का रुख एक जैसा ही है, जिसका मतलब यह हुआ कि बाजार के प्रतिभागियों ने दोनों तरफ समान पोजीशन तैयार की है। नतीजे चाहे जो हों, पोजीशन की बिकवाली होगी और अल्पावधि मं रुपया व बॉन्ड बाजार पर असर दिखेगा। 

 

डी.बी.एस. बैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक व ट्रेजरी प्रमुख अरविंद नारायणन ने कहा, स्थिति और गंभीर होगी अगर ब्रिटेन वास्तव में यूरोपीय संघ को छोड़ने का फैसला करता है। इस फैसले से डॉलर के मुकाबले रुपया 70 डॉलर को छू सकता है और बॉन्ड का प्रतिफल 15-20 आधार अंक बढ़ सकता है। रुपया करीब 67.50 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा है, जो मोटे तौर पर रघुराम राजन के कार्यकाल को लेकर प्रतिक्रिया जता रहा है। 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल इस बीच करीब 7.50 फीसदी पर पहुंच चुका है। 

 

नारायण ने कहा, यह अप्रत्याशित घटना है जिसका लागत, श्रम व पूंजी पर असर पड़ेगा। अगर ब्रिटेन ईयू से बाहर निकलने का फैसला करता है तो उभरते बाजारों से रकम निकलकर अमरीका व जापान जैसे सुरक्षित ठिकानों की ओर जाएगी। भारत से भी अल्पावधि के लिए ऐसा होगा। वास्तव में जोखिम वाला कोई भी परिदृश्य लंबी अवधि में उभरते बाजारों को नुक्सान पहुंचा सकता है, हालांकि इन देशों के केंद्रीय बैंक स्थानीय बाजार को समर्थन देने के लिए अच्छी खासी नकदी के साथ तैयार हैं। सिटी बैंक ग्लोबल ने 17 जून के नोट में ये बातें कहीं हैं लेकिन ब्रिटेन की निकासी के बाद डॉलर में होने वाली तीव्र बढ़ौतरी बरबादी का कारण बन सकता है। सिटीबैंक ने लिखा है, अभी बाजार मानकर चल रहा है कि फेड की तरफ से बदलाव न किए जाने और नरम डॉलर उभरते बाजारों के हक में हैं। फेड का कदम शांतिवादी है, हमारा मानना है कि उभरते बाजारों के निवेशक आशावाद बनाए रख सकते हैं लेकिन अमरीकी डॉलर में तीव्र बढ़ौतरी से चिंतित हो सकते हैं।


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