दाल की कीमतों में गिरावट, फिर भी नहीं मिल रहे खरीदार

punjabkesari.in Friday, Nov 18, 2016 - 12:31 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली के बाजारों में तूर और मूंग जैसी दालों की आवक आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र की बड़ी मंडियों से बड़े पैमाने पर घट गई है। ट्रेडर्स का कहना है कि इसके बावजूद कीमतों में 5 फीसदी से 15 फीसदी तक की गिरावट आई है। ट्रेडर्स कह रहे हैं कि मंडी में ग्राहक नहीं आ रहे। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, म्यांमार और अफ्रीका से चना, मसूर और तूर की 20-25 लाख टन की नवंबर मध्य में आवक से कीमतों में और गिरावट आने की आशंका जताई जा रही है।

सोयाबीन और पाम ऑयल में बड़े स्तर पर गिरावट 
अडानी विल्मर के सीईओ आंग्शु मलिक ने कहा, 'तेल और दालों जैसी जरूरी कमोडिटी की बिक्री में 25 फीसदी की गिरावट आई है। खासतौर पर 15 किलो टिन के बल्क पैक में बिक्री में गिरावट आई है। सोयाबीन और पाम ऑयल में बड़े स्तर पर गिरावट आई है। इसकी एक वजह शादियों का टाला जाना या रद्द किया जाना है।' अडानी विल्मर हर महीने करीब 5,000 टन दालों की बिक्री करती है। मलिक ने कहा, 'डिमांड पर प्रेशर है। इंटरनैशनल सप्लाई चेन में सुधार हो रहा है, जिससे कीमतों में और गिरावट आएगी।'

उड़द और तूर आएगी अफ्रीका से
इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन असोसिएशन के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे ने कहा कि कीमतों में हल्की गिरावट आ सकती है क्योंकि डिमांड और सप्लाई साइकल सुस्त है। उन्होंने कहा, '31 दिसंबर तक इंडिया में 20 से 25 लाख टन दालें आ जाएंगी, जिससे दालों का बड़ा भंडार तैयार हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया से चना का पहला जहाज आ चुका है और कई रास्ते में हैं। कनाडा से मसूर और पीली मटर आएगी और उड़द और तूर की आवक अफ्रीका से होनी है।'

कीमतों में आएगी और गिरावट
दिल्ली का नया बाजार मार्कीट नॉर्थ इंडिया में दालों का एक बड़ा ट्रेड हब है। यहां चने की कीमत पिछले एक हफ्ते में 15 से 18 फीसदी कम हुई है। यह 80 से 82 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। एक इंपोर्टर और ट्रेडर फर्म सिलिगुड़ी एसोसिएट के सुनील बलदेवा ने कहा, 'कीमतों में और गिरावट आएगी, क्योंकि हमें कस्टमर्स खरीदारी करते नहीं दिख रहे हैं और इंपोर्टेड चने का 70,000 टन का एक बड़ा स्टॉक अगले कुछ दिनों में इंडियन पोर्ट्स पर आने की उम्मीद है।'

नोटबंदी से कामकाज में सुस्ती
बलदेवा ने कहा कि वर्कर्स की तनख्वाह चुकाने और अन्य पेमेंट्स के लिए 50,000 रुपए प्रति हफ्ते की विदड्रॉल लिमिट काफी कम है। उन्होंने कहा, 'इसे कम से कम 5 लाख रुपए किया जाना चाहिए ताकि हम ट्रांसपोर्टरों को भुगतान कर सकें।' लातूर, अमरावती, अकोला, इंदौर, बीकानेर, वाशिम, रायचूर जैसी कई दाल मंडियों में कामकाज पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र में 400 टन दाल रोजाना प्रोसेस करने वाली मिल के मालिक नितिन कलंतरी ने कहा, 'नोटबंदी के शुरुआती 5 दिनों में मैंने मिल नहीं चलाई। हमने अब 40 फीसदी कैपेसिटी पर काम करना शुरू किया है। मूंग 52.50 रुपए के एमएसपी से नीचे 47-48 रुपए प्रति किलो पर बिक रही है।'
 


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