अब फिक्स नहीं रहेगी PPF की ब्याज दर?

punjabkesari.in Sunday, Oct 04, 2015 - 01:19 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार पब्लिक प्रविडेंट फंड्स (पीपीएफ) और डाक घर जमा पर ब्याज दर को बैंक जमा दर या आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ सकती है और सरकार 3 या 6 महीने में छोटी बचत स्कीमों के रिटर्न्स की दर को फिर से निर्धारित करने की अनुमति दे सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि पीपीएफ और डाक घर जमा पर मिलने वाले ब्याज की दर रेपो रेट के घटने या बढ़ने से घटेगी या बढ़ेगी।

वित्त मंत्रालय छोटी बचत स्कीमों के लिए वार्षिक दर तय करने हेतु सरकारी सिक्यॉरिटीज पर मिलने वाले रिटर्न का वर्तमान समय में इस्तेमाल करती है। वित्त मंत्रालय ने इसकी समीक्षा शुरू की है और यह कदम उसका ही हिस्सा है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाए जाने के बाद सरकार भारी संख्या में छोटी बचत स्कीमों पर ब्याज दर कम करना चाहती है। सरकार वरिष्ठ नागरिकों और बालिकाओं के हितों की रक्षा करना चाहती है।

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने बताया, "वास्तविक ब्याज दर संभवतः आज बहुत ही ज्यादा है इसलिए उसमें करेक्शन की जरूरत है। महंगाई जब ज्यादा ही होती है तो बैंक के साथ-साथ छोटी बचत स्कीमों के लिए भी निश्चित ब्याज दर की जरूरत होती है लेकिन जब महंगाई दर कम होती है तो ब्याज दर में स्वाभाविक रुप से करेक्शन की जरूरत होती है" लेकिन उन्होंने कहा भी अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News