परेशान होम बायर्स की मदद के लिए मोदी सरकार ने बनाया मास्टर प्लान

punjabkesari.in Sunday, Feb 10, 2019 - 12:20 PM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार होम बायर्स के रास्ते आम जनता के बीच पकड़ मजबूत करने का रास्ता तलाश रही है। इसके लिए चार बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पैसों की कमी से रुके पड़े आधा दर्जन बिल्डिंग प्रॉजेक्ट्स को फंड देने का ऑफर दिया है, जिससे उनका काम इसी साल फिर से शुरू हो सके। बैंकों ने इसके लिए नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) से भी बात की है। 

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आचार संहिता लागू होने से पहले हो सके काम
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सरकार ने NBCC से ऐसे प्रॉजेक्ट्स की लिस्ट मांगी है, साथ ही यह भी पूछा है कि उन्हें पूरा करने के लिए कितनी रकम की जरूरत होगी। मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार चाहती है कि यह प्लान जल्द से जल्द फाइनल हो जाए, जिससे 2019 आम चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले काम शुरू किया जा सके। ऐसा करके सरकार दिखाना चाहती है कि वह बिल्डर्स द्वारा सताए गए होम बायर्स के साथ है। 

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बैंकों की शर्त 
पहले के खराब अनुभवों के चलते बैंकों ने सरकार से साफ कहा है कि वह फंड देने को तब ही राजी होंगे जब अपार्टमेंट्स और खाली पड़ी जमीन को उनके पास तबतक गिरवी रखा जाए। बैंकों का कहना है कि प्रॉजेक्ट्स के पूरा होने पर वह उन फ्लैट्स को बेचकर अपना पैसा निकालेगा। बैंक सिर्फ उन्हीं प्रॉजेक्ट्स को पैसा देने का मूड बना रहे हैं जिन्हें इस वक्त कहीं और से फंडिंग नहीं मिल रही। फंड देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक, इलाहबाद बैंक आदि आगे आए हैं। 

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बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 3 लाख होम बायर्स अपना फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यहां अटका पड़ा काम केंद्र और यूपी सरकार दोनों के लिए बड़ा सिरदर्द है। अब आम्रपाली मामले पर सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करनेवाला है, इसके बाद आगे की दिशा साफ हो सकती है। 
 


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jyoti choudhary

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