रोजाना कीमत बदलाव से पैट्रोलियम डीलर्स नाखुश

punjabkesari.in Friday, Apr 14, 2017 - 07:19 PM (IST)

नई दिल्ली: पैट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव का पायलट प्रॉजेक्ट वैसे तो 1 मई स 5 शहरों में शुरू हो रहा है। इसे स्थायी तौर पर पूरे देश में लागू करने की राह में पैट्रोलियम डीलर्स को कई रोड़े दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि राज्यवार टैक्स कैलकुलेशन के साथ रोजाना कीमतों की मैन्युअल सेटिंग का काम वे हाथ में नहीं लेंगे और अगर सरकार इसे पूरे देश में सेंट्रल कमांड के साथ ऑटोमैटिड मोड में लागू करना चाहती है तो डिवाइस लगाने का खर्च भी उसे ही उठाना होगा। डीलर इस बात को लेकर भी आशंकित हैं कि अगर परियोजना कुछ शहरों में धीरे-धीरे लागू होगी है, तो उस दौरान आसपास के शहरों में कीमतों का अंतर व्यापार में कई तरह की विसंगतियां पैदा करेगा।

ऑल इंडिया पैट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा, ‘अगर सरकार इसे केंद्रीय नियंत्रण में संचालित करना चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते टैक्नॉलजी अपग्रेडेशन का बोझ डीलर्स पर न पड़े। डेली प्राइसिंग के बेहद मामूली अंतर को मैन्युअली मैनेज करना सभी पैट्रोल पंपों पर संभव नहीं है। हम इस बारे में पैट्रोलियम मिनिस्टर के सामने अपनी बात रखेंगे।’ उन्होंने बताया कि अब भी कुछ पैट्रोल पंप डिजटल मोड में रियल टाइम प्राइसिंग अपना चुके हैं लेकिन इसके लिए तकनीक पर 8 से 10 लाख रुपए तक खर्च आता है। देश में कुल 53,780 पंप है। अब सरकार को फैसला करना है कि वह इतना बड़ा निवेश करना चाहेगी या नहीं।

दिल्ली पैट्रोलियम डीलर्स असोसिएशन के मेंबर और पंप डीलर आरएस सेठी ने बताया कि अगर सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करती है तो मार्कीट में जबर्दस्त उथल-पुथल होगी। उन्होंने कहा, ‘अभी पायलट प्रॉजेक्ट के तहत ही देखें कि चंडीगढ़ में कीमतें रोज बदलेंगी और पंचकूला में 15 दिन में एक बार। संभव है अंतर बड़ा हो जाए और अवैध व्यापार होने लगे। ऐसे में चरणबद्ध तरीके से इसे लागू करना जोखिम भरा होगा।’ उन्होंने बताया कि चूंकि जी.एस.टी. में पैट्रोलियम प्रॉडक्ट शामिल नहीं होंगे, ऐसे में वैट को लेकर अंतर और बदलाव भी एक पेच रहेगा।

उधर, 10 मई से हफ्ते में एक दिन पंप बंद रखने का ऐलान करने वाले कन्सॉर्शियम ऑफ इंडियन पट्रोलियम डीलर्स (सीआईपीडी) को इस पायलट प्रॉजेक्ट में बहुत कठिनाई नजर नहीं आ रही है लेकिन वह चाहता है कि सरकार पहले इसका तकनीकी इन्फ्रस्ट्रक्चर तैयार कर ले। संगठन हफ्ते में एक दिन पंप बंद रखने के रुख पर अब भी कायम है, हालांकि शीर्ष संगठनों के खुद को इससे अलग कर लेने के बाद इसकी संभावना कम ही दिखाई रही है। संगठन ने पीएम की इस अपील के बाद कि लोगों को हफ्ते में एक दिन पैट्रोल के इस्तेमाल से बचना चाहिए, हफ्ते में एक दिन पंप बंद करने की घोषणा की थी।
 


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