अब स्पैम कॉल और मैसेज नहीं करेंगे परेशान, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को जारी की गाइडलाइंस

punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2024 - 05:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः लोगों को रोजाना अनचाहे कॉल और मैसेज का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें न केवल असुविधा होती है, बल्कि कई बार उनके साथ धोखाधड़ी भी हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मंगलवार को नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के अनुसार, अब सभी टेलीमार्केटिंग कॉल्स को 140 सीरीज में माइग्रेट करना अनिवार्य होगा ताकि इनकी बेहतर मॉनिटरिंग और नियंत्रण किया जा सके। इसके लिए सभी टेलीकॉम कंपनियों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। इसके अलावा, 1 सितंबर से किसी भी मैसेज में यूआरएल, एपीके, ओटीटी लिंक या कॉल बैक नंबर भेजने की अनुमति नहीं होगी।

ट्राई ने कहा है कि मैसेज भेजने और रिसीव करने वाले दोनों की पूरी जानकारी टेलीकॉम कंपनियों के पास होनी चाहिए। इसके लिए सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिस्टम को अपग्रेड करना होगा। 1 नवंबर, 2024 से हर मैसेज के लिए यह जानकारी अनिवार्य हो जाएगी। अगर किसी मैसेज में यह जानकारी नहीं मिलती है, तो उसे रिजेक्ट करना होगा।

इसके साथ ही, ट्राई ने यह भी निर्देश दिया है कि गलत कैटेगरी में रजिस्टर्ड कंटेंट टेम्प्लेट को ब्लैकलिस्ट किया जाए। यदि कोई बार-बार गलती करता है, तो उसे एक महीने के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। कंटेंट टेम्प्लेट को सभी गाइडलाइन्स का पालन करना अनिवार्य होगा और सिंगल कंटेंट टेम्प्लेट को कई हेडर्स के साथ नहीं जोड़ा जा सकेगा।

मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले की पूरी जानकारी रखनी होगी 

ट्राई ने कहा है कि मैसेज को लेकर सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपना सिस्टम दुरुस्त करना पड़ेगा। 1 नवंबर, 2024 से हर मैसेज को भेजने वाले और रिसीव करने वाले की पूरी जानकारी उनके पास होनी चाहिए। यदि किसी भी मैसेज में यह जानकारी नहीं है तो उसे रिजेक्ट करना होगा। ट्राई ने कहा है कि गलत कैटेगरी में रजिस्टर कंटेंट टेम्प्लेट को भी ब्लैकलिस्ट करना होगा। कई बार गलती करने वाले को एक महीने के लिए सस्पेंड करना होगा। कंटेंट टेम्प्लेट में सभी गाइडलाइन्स का पालन करना होगा। इसके अलावा सिंगल कंटेंट टेम्प्लेट को कई हेडर से नहीं जोड़ा जा सकेगा।

झेलना पड़ेगा सस्पेंशन 

ट्राई ने कहा कि हेडर या कंटेंट टेम्प्लेट में गड़बड़ी पाए जाने पर उस कंपनी के सभी हेडर और कंटेंट टेम्प्लेट को सस्पेंड कर दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। उन्हें दोबारा से काम करने की मंजूरी देने से पहले लीगल प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके अलावा डिलीवरी और टेलीमार्केटिंग करने वालों को भी मैसेज के गलत इस्तेमाल की जानकारी दो दिनों के अंदर देनी होगी। अन्यथा उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

ट्राई ने कहा कि वह मैसेजिंग सिस्टम को पारदर्शी और स्पष्ट बनाना चाहते हैं। ट्राई की प्राथमिकता कंज्यूमर और उनके हित हैं। इनसे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। लोगों को फर्जी मैसेज और आर्थिक फर्जीवाड़े से बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। आगे भी लोगों की सलाह पर ऐसे ही कदम उठाए जाते रहेंगे। नए दिशानिर्देश पर अधिक जानकारी के लिए आप ट्राई की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।


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Content Writer

jyoti choudhary

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