मांग में कमी से मूंगफली तेल की कीमत में गिरावट

punjabkesari.in Tuesday, Sep 20, 2016 - 04:14 PM (IST)

अहमदाबादः मूंगफली की आपूर्ति में ऐसे वक्त में धीरे-धीरे बढ़ौतरी हो रही है जब मांग कम है और मूंगफली तेल की कीमतों में पिछले 20 दिनों में खुदरा स्तर पर 13 फीसदी जबकि थोक बाजार में 18 फीसदी की गिरावट देखी गई है। मिल मालिकों और कारोबारियों के मुताबिक ज्यादा फसल होने के अनुमान से मूंगफली तेल की कीमतों पर आने वाले दिनों में और ज्यादा दबाव बढ़ेगा। राजकोट के थोक बाजार में मूंगफली तेल की कीमतों का कारोबार सोमवार को 1,150 रुपए प्रति 10 किलोग्राम के आधार पर हो रहा था जो सितंबर की शुरूआत में करीब 1,400 के स्तर पर था। इसी तरह तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी गई और यह 2,250 रुपए प्रति 15 लीटर टिन से कम होकर 1,950 रुपए प्रति टिन हो गया।

जामनगर के खाद्य तेल कारोबारी किशोर अकबरी कहते हैं, 'अगस्त में त्यौहारी मांग और पेराई के लिए मूंगफली कम उपलब्ध होने की वजह से मूंगफली तेल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थीं। हालांकि उसके बाद मांग में गिरावट आई और स्टॉकिस्टों की तरफ से बिक्री बढऩे से कच्चे माल की आपूर्ति में बढ़ौतरी हुई। इसी वजह से सितंबर के दौरान मूंगफली तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ा।' फिलहाल मूंगफली की रोजाना आवक करीब 15,000 बोरी है। हालांकि यह पर्याप्त नहीं है लेकिन मूंगफली की नई फसल की आवक इस महीने के अंत तक या अक्तूबर की शुरूआत तक होगी।

ऐसे में कीमतों में आगे और दबाव बनेगा। जो खरीदार फिलहाल खरीदारी टाल रहे हैं उन्हें आगे कीमतों में और कमी की उम्मीद है। अकबरी का कहना है, 'नई फसल आने से जल्द ही मूंगफली की आपूर्ति धीरे-धीरे बढ़ेगी और इससे अगले एक महीने में मूंगफली तेल की कीमतें थोक बाजार में कम होकर 1000 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो सकती हैं।' चालू खरीफ सीजन में मूंगफली की बुआई में अच्छी वृद्धि देखी गई है ऐसे में उद्योग ने मूंगफली के ज्यादा उत्पादन का अनुमान लगाया है। कारोबारी स्रोत के मुताबिक खरीफ मूंगफली का उत्पादन पिछले साल के 32 लाख टन के मुकाबले 35 लाख टन के स्तर को छू सकता है।

कनेरिया ऑयल इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सुरेश कनेरिया का कहना है, 'मॉनसून की स्थिति अच्छी रहने की वजह से मूंगफली की बुआई में बढ़ौतरी हुई है और इससे मूंगफली का बेहतर उत्पादन हो सकता है। देश में गुजरात सबसे ज्यादा मूंगफली उत्पादक राज्य है और यह करीब 20 लाख से 25 लाख टन मूंगफली का उत्पादन कर सकता है।' भारत सरकार के कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मूंगफली की बुआई का रकबा इस साल 16 सितंबर तक बढ़कर 46.8 लाख हैक्टेयर हो गया जो पिछले साल की समान अवधि के 36.2 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 29.12 फीसदी अधिक है।


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