भारतीय बाजारों में सीधे निवेश करना पसंद करेंगे पी-नोट्स निवेशक: विशेषज्ञ

punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2017 - 04:54 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश करने वाले निवेशक संभवत: सीधे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफ.पी.आई.) के रूप में बाजार में आ सकते हैं। इसकी वजह यह है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए प्रस्तावों से इनके माध्यम से निवेश करना महंगा हो सकता है।

पी-नोट्स या ऑफशोर डेरिवेटिव इस्ट्रूूमेंट्स (आे.डी.आई.) पंजीकृत एफ.पी.आई. द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करना चाहते हैं और उन्हें इसके लिए पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होती। हालांकि, उन्हें इसके लिए समुचित जांच पड़ताल की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक द्वारा जारी किए जाने वाले प्रत्येक पी-नोट पर 1,000 रुपए का नियामकीय शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा सटोरिया उद्देश्य से पीनोट जारी करने पर रोक लगा दी है ताकि कालेधन को घुमाफिराकर बाजार में लाने पर अंकुश लगाया जा सके।

सेबी ने कहा है कि पी-नोटधारकों को सिर्फ हेजिंग के लिए डेरिवेटिव बाजार में पहुंच की अनुमति होगी, सटोरिया गतिविधि के लिए नहीं। ऑर्बिस फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि इस कदम से मौजूदा आे.डी.आई. अंशधारकों को एफ.पी.आई. के रूप में सीधे आने पर मदद मिलेगी। पी.डब्ल्यू.सी. के लीडर वित्तीय सेवा कर भाविन शाह ने कहा, ‘‘एेसी उम्मीद है कि अब पी नोट्स निवेशका डेरिवेटिव्स में अपने एफ.पी.आई. के जरिए निवेश करेंगे और भारत में कर अदा करेंगे।’’ हालांकि संधि वाले क्षेत्र में मुख्यालय होने पर उन्हें कर नहीं देना होगा, इसमें डेरिवेटिव की बिक्री पर पूंजी लाभ में कर नहीं लगता।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News