समयसीमा का बैंकों के प्रावधान पर नहीं पड़ेगा कोई ठोस प्रभाव

punjabkesari.in Tuesday, Aug 28, 2018 - 10:00 AM (IST)

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 70 बड़े संकटग्रस्त खातों के समाधान को लेकर निर्धारित समयसीमा आज खत्म हो गई और आरबीआई की ओर से इसके विस्तार के कोई संकेत नहीं दिए गए हैं। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि समयसीमा का बैंकों के प्रावधान पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि बैंक पहले से ही इन खातों के समाधान की प्रकिया में लगे हुए हैं।

आरबीआई ने इन 70 कर्ज खातों की समाधान योजना को अंतिम रूप देने के लिये बैंकों को 180 दिन का समय दिया था जो आज समाप्त हो गया। इन खातों में बैंकों का कुल 3800 अरब रुपये का कर्ज फंसा है।  आरबीआई ने परिपत्र में बैंकों से एक दिन की चूक वाली विद्युत परियोजनाओं को भी फंसे कर्ज के तौर पर पहचान करने और 180 दिन के अंदर अपनी समाधान कार्यवाही को पूरा करने को कहा था। प्रक्रिया में नाकाम रहने पर 2,000 करोड़ रुपए या उससे अधिक वाले ऐसे ऋण खातों को दिवालिया कार्यवाही के लिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास भेजने होंगे।       

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की सालाना आम बैठक से इतर कुमार ने कहा, Þ27 अगस्त की समयसीमा का प्रावधान आवश्यकताओं पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनमें से अधिकतर की पहचान डूबे कर्ज के रूप में वर्गीकृत किए जा चुके हैं। कुमार ने कहा कि 34 संकटग्रस्त बिजली कंपनियों के खातों में से 16 को पहले ह एनसीएलटी के पास भेजा जा चुका है, इनका कुल मूल्य 1740 अरब डॉलर है और सात मामलों में समाधान प्रक्रिया अंतिम चरण में है।             


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News