नो-फ्लाई लिस्टः एक्सपटर्स ने कहा जल्दबाजी में तैयार किए नियम

Saturday, May 06, 2017 - 03:29 PM (IST)

नई दिल्लीः हवाई सफर के दौरान सहयात्रियों या फ्लाइट के स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ सरकार ने शुक्रवार को जो गाइडलाइंस जारी की थीं, कुछ एक्सपर्ट्स ने उन पर सवाल खड़े किए हैं। जानकारों का मानना है कि नो-फ्लाई लिस्ट के लिए बने नियमों के तहत प्रतिबंध की अवधि कितनी होगी, यह एयरलाइंस पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उधर हवाई यात्रियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था ने भी प्रस्तावित नियमों को अस्पष्ट बताते हुए कहा है कि इन्हें जल्दबाजी में तैयार किया गया है। 

क्या कहना एक्सपटर्स का 
- एयर पैसेंजर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधाकर रेड्डी ने इन नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि दुर्व्यवहार को लेकर बनाई गई अलग-अलग कैटिगरीज को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है। इसकी भाषा बहुत अस्पष्ट है। अगर आप कहते हैं कि शारीरिक इशारे को अपमान के तौर पर लिए जाएगा तो आपको यह बिल्कुल साफ करना होगा कि यहां किस तरह के इशारों की बात की जा रही है। इंडस्ट्री के जानकारों का यह भी कहना है कि किसी भी यात्रा पर कितने दिन का प्रतिबंध लगाया जाए, यह सरकार को तय करना चाहिए। इसे एयरलाइंस पर नहीं छोड़ा जा सकता।
-एक अन्य एक्सपर्ट अंबर दुबे ने कहा कि लगता है कि बैन कितने वक्त का होगा, यह एयरलाइंस पर छोड़ दिया गया है। आदर्श स्थिति यह होती कि इसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय या डी.जी.सी.ए. तय करता और फिर उस पर सभी एयरलाइंस की राय ली जाती। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित नियमों में यह व्यवस्था भी होनी चाहिए कि दुर्व्यवहार करने वाले कोई भी यात्री ट्रैवल बैन के खिलाफ स्टे ऑर्डर हासिल न कर पाए। 

क्या है नए नियम
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार को नई गाइडलाइंस की जानकारी देते हुए बताया था कि बार-बार दुर्व्यवहार करने वाले यात्रियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया जाएगा। मंत्रालय ने बुरे बर्ताव को तीन कैटिगरीज में बांटा गया है। इनके तहत प्रतिबंध की सीमा 3 महीने से लेकर 2 साल या उससे ज्यादा भी हो सकती है। 
 

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