नई इस्पात नीति को मंजूरी, केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों-पेंशन पर मुहर

punjabkesari.in Thursday, May 04, 2017 - 10:13 AM (IST)

नई दिल्ली: सरकार ने नई राष्ट्रीय इस्पात नीति को मंजूरी दे दी जिसमें देश के इस्पात क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने के साथ ही कच्चे माल के आयात पर निर्भरता खत्म कर इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

पी.एम. मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में नई नीति का अनुमोदन किया गया। कमजोर मांग और महंगे होते कच्चे माल के कारण मंदी के दौर से गुजर रहे देश के इस्पात क्षेत्र में नई जान फूंकने के नजरिए से सरकार की ओर से लिया गया यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नई नीति के जरिए 2030-31 तक कोकिंग कोल का आयात 50 प्रतिशत घटाकर घरेलू स्तर पर इसकी आपूर्ति बढ़ा कर 30 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा गया है। 
इसके साथ ही साल 2030-31 तक देश में प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत बढ़ा कर औसतन 158 किलोग्राम करने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसमें गुणवत्ता सुधार के लिए भी मानक तय किए गए हैं। इसके साथ ही सरकार ने सरकारी विभागों एवं इकाइयों द्वारा लौह एवं इस्पात उत्पादों की खरीद में घरेलू उद्योगों को प्राथमिकता देने के लिए एक नीति को भी मंजूरी दे दी।

7वें वेतन आयोग में मिला यह बड़ा फायदा
बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में प्रस्तावित सैलरी और पेंशन में अहम बदलाव को मंजूरी दे दी है। केन्द्र सरकार ने जून 2016 में सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी देते हुए केन्द्रीय बजट में 84,933 करोड़ (वित्त वर्ष 2016-17) के साथ-साथ वित्त वर्ष 2015-16 में 2 महीने के एरियर का प्रावधान कर दिया था। कैबिनेट ने वेतन, भत्ते और पेंशन में बदलावों को मंजूरी देते हुए फैसला लिया है कि किए गए बदलाव 1 जनवरी 2016 से लागू होंगे। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने इसी तारीख से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था। इस फैसले से केन्द्र सरकार के खजाने पर 1,76,071 करोड़ रुपए का बोझ सिर्फ रिटायर्ड केन्द्रीय कर्मचारियों को वार्षिक पेंशन देने से पड़ेगा।

इन्हें भी मिली मंजूरी
-भोपाल, गुवाहाटी तथा भरतपुर के अशोका होटलों से केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी समाप्त कर इसका स्वामित्व संबंधित राज्य सरकारों को सौंपने का निर्णय लिया है।
-राज्य सरकारों को 2.5 करोड़ अंत्योदय परिवारों को 1 किलोग्राम चीनी की राशन की दुकानों से बिक्री करने के लिए सबसिडी जारी रखने की अनुमति दी।
-खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं और समुद्री उत्पादों को मूल्य वृद्धि करने और इस क्षेत्र में आधुनिकतम प्रौद्योगिकी लाने के लिए ‘सम्पदा’ योजना को पुनर्गठित किया गया है।
- आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की भी मंजूरी दे दी है।


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