New Pension Rules: पेंशन फंड्स को नई छूट, मल्टीपल एसेट क्लास में निवेश का रास्ता खुला
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 12:53 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS), यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) और अटल पेंशन योजना के निवेश नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब पेंशन फंड्स गोल्ड और सिल्वर ETF, निफ्टी 250 इंडेक्स और वैकल्पिक निवेश कोषों (AIFs) में भी निवेश कर सकते हैं।
विविध पोर्टफोलियो और स्थिरता
PFRDA ने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और जोखिम संतुलन बनाए रखने को प्राथमिकता दी है। नए नियमों के तहत किसी भी एक जोखिमभरे एसेट का हिस्सा पोर्टफोलियो में बहुत अधिक नहीं होगा।
किसी भी इंडस्ट्री में कुल निवेश 15% से अधिक नहीं होगा।
प्रायोजक समूह कंपनियों में इक्विटी का निवेश 5%, गैर-प्रायोजक कंपनियों में 10% की सीमा निर्धारित। ऋण निवेश के लिए भी नेट वर्थ आधारित सीमाएं तय की गई हैं।
Nifty 250 में निवेश का विस्तार
इक्विटी निवेश की सीमा 25% ही बनी हुई है, लेकिन निवेश का दायरा अब निफ्टी 250 इंडेक्स तक बढ़ गया है। इससे पेंशन फंड्स को बड़ी और मध्यम कंपनियों में निवेश करने का अवसर मिलेगा। जोखिम संतुलन बनाए रखने के लिए शीर्ष 200 शेयरों में 90% निवेश की बाध्यता बरकरार है।
सरकारी प्रतिभूतियां बनीं आधार
सरकारी बॉन्ड्स और पीएसयू के ईबीआर रूट वाले बॉन्ड्स अब भी पेंशन फंड्स का आधार बने रहेंगे। फंड्स अपने पोर्टफोलियो का 65% तक सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में स्थिरता और अनुमानित रिटर्न सुनिश्चित होता है।
सोना–सिल्वर ETF का महत्व
सोने और चांदी को लंबे समय से सुरक्षित निवेश माना जाता है। इनके शामिल होने से पेंशन फंड्स की जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रोफाइल बेहतर होगी। पिछले एक साल में सोने और चांदी की कीमत में क्रमशः 68% और 114% की बढ़ोतरी हुई है। ETF निवेशकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और यह उतार-चढ़ाव को आसानी से ट्रैक करते हैं।
नए निवेश ढांचे से फायदा
इन नए विकल्पों के बाद NPS, UPS और अटल पेंशन योजना का निवेश ढांचा पहले से अधिक विविध और लचीला हो गया है। इससे लंबी अवधि में जोखिम कम करने और रिटर्न बढ़ाने की संभावना बढ़ती है, जो निवेशकों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है।
