कच्चे जूट के MSP में 200 रुपए की बढ़ौतरी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 25, 2018 - 03:56 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने आज फसल वर्ष 2018-19 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए बढ़ाकर 3,700 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में फसल वर्ष 2018-19 के लिए उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 200 रुपए बढ़ाकर 3,700 रुपए क्विंटल करने का फैसला किया गया। इससे पिछले वर्ष कच्चे जूट का एमएसपी 3,500 रुपए प्रति क्विंटल था। कच्चे जूट के एमएसपी में बढ़ोतरी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर की गई है। एमएसपी में ‘ए2 जमा एफएल’ भारित औसत के ऊपर 63.2 प्रतिशत की आय होगी। इस फार्मूले में वास्तविक लागत जमा परिवार के सदस्यों की श्रम लागत को शामिल किया गया है। इस फैसले से मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, असम और बिहार के जूट किसानों को फायदा होगा। देश के कुल जूट उत्पादन में इन तीनों राज्यों का हिस्सा 95 प्रतिशत है।

सरकार ने बजट 2018-19 में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत के डेढ़ गुना पर तय करने की घोषणा की थी। बयान में कहा गया है कि जूट कॉरपोरेशन आफ इंडिया जूट उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर मूल्य समर्थन परिचालन के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में काम करती रहेगी। फिलहाल सीएसीपी उत्पादन लागत की तीन परिभाषाएं देती हैं- ए 2, ए 2 जमा एफएल और सी 2। ए 2 लागत में सभी खर्च आते हैं, जिनका नकद और अन्य रूप भुगतान किया गया।  इसमें किसानों द्वारा बीज, खाद, रसायन, श्रमबल, ईंधन और सिंचाई पर खर्च आता है। ए 2 जमा एफएल में कुल लागत तथा घरेलू श्रमबल का मूल्य आता है। सी 2 लागत अधिक व्यापक है। इसमें किराया और अपनी जमीन पर ब्याज तथा निश्चित पूंजी संपत्तियां आती हैं। 
     
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Supreet Kaur

Recommended News

Related News