नोटबंदीः गड़बड़ी करने वाले 100 से ज्यादा बैंक कर्मचारियों पर गाज

punjabkesari.in Wednesday, Jan 18, 2017 - 10:16 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने नोटबंदी के बाद से ही बैंकों में घपले करने वाले 100 से अधिक बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकारी बैंकों के कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है और कुछ को ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने बताया, 'कुछ मामलों में जांच चल रही है और अगर कर्मचारियों को दोषी पाया गया तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा।'

मनी लॉन्ड्रिंग के तरीकों का पता लगाया गया
जांच एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सबसे आम तरीकों में से कुछ की पहचान की है। सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के पुरानों नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। इससे सर्कुलेशन में मौजूद कुल करंसी में से लगभग 86 पर्सेंट बेकार हो गई थी। जांच की जानकारी रखने वाले एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'कुछ मामलों में नो योर कस्टमर (के.वाई.सी.) नॉर्म्स को पूरा किए बिना एकाउंट खोलकर उनमें पुरानी करंसी में नकदी जमा कराई गई थी। इसके बाद अकाउंट को बंद कर दिया गया था और जमा की गई रकम के लिए डिमांड ड्राफ्ट जारी हुआ था।'

बैंक अधिकारियों के साथ की गई साठगांठ
एक अन्य तरीका बैंक अधिकारियों के साथ साठगांठ कर बैंक के सस्पेंस अकाउंट के इस्तेमाल का था। सस्पेंस अकाउंट वह अकाउंट होता है, जिसमें डिपॉजिट और विदड्रॉल, दोनों ट्रांजैक्शंस क्लासीफाइड होने तक रखी जाती हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बंद हो चुकी करंसी को सस्पेंस अकाउंट में जमा कराया गया और बाद में उसे अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया गया था।

छोटे कर्मचारी भी शक के दायरे में 
जानकारी के मुताबिक बैंकों में ब्रांच मैनेजरों से ज्यादा गोलमाल ऐसे लोगों ने किया है जिनके पास सीधे कैश का लेन-देन था। इनमें कैशियर,आरटीजीएस कर्मी,ओडी लिमिट करने वाले कर्मी शामिल हैं, जिन्होंने सीसी खातों का मनमाना इस्तेमाल किया है और इस कारण बैंक शक के दायरे में आए हैं। कनॉट प्लेस मामले में भी जिस ब्रांच मैनेजर की भूमिका रोहित टंडन के साथ पाई गई है, उस बैंक के तीन कैशियर भी शक के घेरे में आए थे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News