तेल उत्‍पादक देशों को मोदी की दो टूक, मूल्य निर्धारण जिम्मेदारीपूर्ण तरीके करें

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 06:00 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल तथा गैस के 'जिम्मेदार मूल्य निर्धारण' तथा पारदर्शी और लचीले बाजार की वकालत करते हुए आज कहा कि भारत को गरीबों के लिए सस्ती ऊर्जा की जरूरत है।

मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा फोरम की मंत्री स्तरीय बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा, 'तेल एवं गैस व्यापार के साथ-साथ जरूरत की वस्तुएं भी हैं। आम आदमी की रसोई से लेकर विमानों तक के लिए ऊर्जा जरूरी है। दुनिया में इनकी कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव होता रहा है। हमें जिम्मेदार मूल्य निर्धारण की ओर बढ़ाना चाहिए जिससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हित सुरक्षित रहें।'

दोनों पक्ष तरक्‍की करें 
तेल उपभोग के मामले में भारत दुनि‍या का तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तेल उत्‍पादक देशों के हि‍त में है कि अन्‍य अर्थव्‍यवस्‍थाएं भी स्‍थि‍रता के साथ तरक्‍की करती रहें। उन्‍होंने कहा कि क्‍यों न हम इस प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल वि‍श्‍व सहमति बनाने के  लि‍ए करें, जि‍समें  तेल और गैस की वाजि‍ब कीमतें तय की जाएं।

मोदी ने कहा कि पि‍छले साल एक मैंने एक एजेंसी द्वारा बनाई गई एनर्जी रि‍पोर्ट को पढ़ा। इसके मुताबि‍क, आने वाले 25 वर्षों में ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की भूमिका काफी महत्‍वपूर्ण हो जाएगी। अगले 25 साल तक भारत की ऊर्जा खपत 4.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह रफ्तार दुनि‍या में सबसे तेज होगी। 

कि‍फायती ऊर्जा आज की जरूरत 
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सौर ऊर्जा पहले के मुकाबले ज्‍यादा कि‍फायती हो गई है, धीरे-धीरे बि‍जली हासि‍ल करने के लि‍ए कोयले का इस्‍तेमाल खत्‍म होगा। मोदी ने कहा कि स्‍वच्‍छ और कि‍फायती ऊर्जा आज की जरूरत है और समझदारी से इसकी कीमत तय करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि‍ भारत की ऊर्जा भवि‍ष्‍य के चार स्‍तंभ हैं - ऊर्जा उपलब्‍धता, ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा स्‍थि‍रता और ऊर्जा सुरक्षा।  
 


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jyoti choudhary

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