मोदी का सपना हो रहा पूरा, भारत बना तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 06, 2018 - 05:34 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश का एविएशन सेक्टर भी उड़ान भर रहा है। सबसे अहम बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सके, और उनका यह सपना भी अब पूरा हो रहा है।  मोदी के नेतृत्व में भारत बीते साल लगातार तीसरी बार दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार बना रहा। 

अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने कहा है कि 2017 में भारत यात्रियों की संख्या (आरपीके) में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह दस साल के 5.5 प्रतिशत औसत से अधिक है। आईएटीए की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू विमानन बाजार ने 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। यह लगातार तीसरा साल है जबकि वृद्धि दर्ज हुई है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में 15.84 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की है। यह संख्या 2015-16 में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या 13.49 करोड़ से 2.35 करोड़ अधिक है। गौरतलब है कि इससे पहले 2014-15 में 11.58 करोड़ लोगों ने हवाई जहाज में यात्रा की थी।

वर्ष      हवाई यात्रियों की संख्या
2014-15  11.58 करोड़
2015-16 13.49 करोड़
2016-17 15.84 करोड़

प्रधानमंत्री ने शुरू की थी सस्ती हवाई सेवा ‘उड़ान’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 27 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से सस्ती हवाई सेवा ‘उड़ान’ की शुरुआत की थी। इसके तहत शिमला से दिल्ली के लिए पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा ”मैं चाहता हूं कि हवाई जहाज में हवाई चप्पल वाले लोग दिखाई दें।” उन्होंने कहा कि दुनिया में हवाई सफर का सबसे ज्यादा स्कोप भारत में है और इस क्षेत्र में हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है। ढाई हजार रुपए में 500 किलोमीटर की एयर ट्रैवल वाली ये क्षेत्रीय संपर्क योजना अपने मूल उद्देश्य ‘उड़े देश का आम आदमी’ के लक्ष्य के साथ पहली उड़ान भरी।  
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60 नए शहरों से विमान सेवा होने वाली शुरू    
प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘उड़ान’ योजना का दूसरा चरण शुरू हो गया है। छोटे शहरों को विमान नेटवर्क से जोड़ने वाली इस योजना में 60 नए शहरों से विमान सेवा शुरू होने वाला है। इन शहरों से विमान सेवा शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग पहले ही मंजूरी दे चुका है। उड़ान योजना के लिए कुल 15 विमान सेवा व हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाताओं को 325 मार्गों का आवंटन किया गया। इसके तहत कुल 109 हवाई अड्डों और हेलिपोर्ट को जोड़ा जाएगा। इनमें 60 से अभी नियमित उड़ानों का संचालन नहीं होता है, जबकि 13 ऐसे हवाई अड्डे और हेलिपोर्ट हैं जहां से अभी एक सप्ताह में 14 से कम उड़ानों का संचालन होता है।

‘छह करोड़ क्लब’ में शामिल हुआ दिल्ली का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डा सालाना 6 करोड़ या इससे ज्यादा यात्रियों की आवाजाही वाले दुनिया के 20 हवाई अड्डों में शामिल हो गया है। वर्ष 2017 में पहली बार आईजीआई हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या 6 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। यह मुकाम हासिल करने वाला यह भारत ही नहीं, दक्षिण एशिया का भी इकलौता एयरपोर्ट है। पिछले सप्ताह विमानन क्षेत्र की सलाह एवं अनुसंधान संस्था सेंटर फॉर एविएशन की जारी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। अगले कुछ सालों में मुंबई भी इस क्लब में शामिल होने की उम्मीद है। 
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सीट उपलब्धता के हिसाब से दिल्ली विश्व का 14वां सबसे बड़ा हवाईअड्डा 
सीट क्षमता के हिसाब से दिल्ली हवाई अड्डा दुनिया में 14वें नंबर पर है। यह आंकड़ा प्रति सप्ताह हवाई अड्डे से जाने वाली उड़ानों में उपलब्ध कुल सीटों की संख्या के अनुसार होता है। नए साल के पहले सप्ताह 1 से 7 जनवरी के दौरान आईजीआई की सीट क्षमता 15,30,021 थी। इस मामले में 23,30,043 सीटों के साथ दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पहले स्थान पर है। इसके बाद शीर्ष 5 में क्रमश: बीजिंग कैपिटल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अटलांटा हार्ट्सफील्ड-जैक्सन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और टोक्यिो हनेदा हवाई अड्डा शामिल है। 
 


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