क्रिप्टोकरेंसी को लेकर मोदी सरकार ने दिया ये बड़ा बयान
punjabkesari.in Wednesday, Mar 16, 2022 - 12:51 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि आरबीआई द्वारा विनियमित क्रिप्टोकरेंसी शुरू करने की कोई योजना नहीं है। राज्यसभा में क्रिप्टोकरेंसी पर पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सरकार की राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से अनियमित है और आरबीआई किसी भी तरह की कोई क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है।
क्रिप्टोकरेंसी बिल पर काम जारी
उन्होंने कहा कि पारंपरिक कागजी मुद्रा आरबीआई अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक कानूनी निविदा है। पारंपरिक कागजी मुद्रा के एक डिजिटल संस्करण को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) कहा जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल लंबित है और इस पर बीते एक साल से अधिक समय से काम चल रहा है। हालांकि, ये बिल न कुछ कारणों के चलते मानसून सत्र और चालू बजट सत्र में पेश नहीं किया जा सका। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इस विधेयक का विवरण सार्वजनिक किया जाएगा।
सरकार हर हस्ताक्षेप को तैयार
इसके साथ ही देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की संभावनाओं को लेकर वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण विकसित हो रहे भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर सरकार कड़ी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के हितों की रक्षा में ईंधन की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए सरकार हर तरह का हस्ताक्षेप करने के लिए तैयार है। पंकज चौधरी ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में प्राकृतिक गैस, ईंधन और बिजली उपसमूह का कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से सीधा संबंध है। देश में ईंधन की कीमतें बढ़ने पर आम जनता को राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती के सवाल पर उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें निर्धारित करती हैं।
मंत्री ने सदन को आगे बताया कि समय के साथ नोटों की छपाई में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2019-20 के दौरान 4,378 करोड़ रुपए के नोट छापे गए, जबकि 2020-21 में 4,012 करोड़ रुपए के नोट छापे गए, जबकि 2016-17 में 7,965 करोड़ रुपए के नोट छापे गए थे।