मैन्युफैक्चरिंग PMI फरवरी के 54.9 से गिरकर मार्च में 54.0 के स्तर पर आई

Monday, Apr 04, 2022 - 02:10 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः S&P ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च महीने में फरवरी के 54.9 से घटकर 54.0 पर आ गई है। बता दें कि PMI की 50 से ऊपर की रेटिंग मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में विस्तार का संकेत देती है। वहीं 50 से नीचे की PMI मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट का संकेत देती है। PMI को संकलित करने वाले IHS Markit ने S&P Global के साथ 28 फरवरी को अपना मर्जर पूरा कर लिया है। जिसके चलते भारत और कुछ दूसरे देशों के लिए PMI के नाम में बदलाव हुआ है।

गौतरलब है कि PMI आंकड़े के 50 के ऊपर रहने का मतलब है कि मार्च महीने में भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिली है लेकिन यह ग्रोथ फरवरी की तुलना में कम रही है। मार्च महीने में फरवरी की तुलना में नए ऑर्डरों और प्रोडक्शन में कम बढ़ोतरी हुई है।

वस्तुओं के उत्पादकों से संकेत मिले हैं कि मार्च महीने में नए ऑर्डर में बढ़ोतरी जारी रही है लेकिन बढ़ोतरी की यह दर पिछले 6 महीनों में सबसे कम रही है। एक्सपोर्ट के मोर्चे पर देखें तो मार्च महीने में उत्पादकों को मिलने वाले नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में गिरावट देखने को मिली है और इसमें लगातार 8 महीने से देखी जा रही बढ़त पर लगाम लग गया है। यहां तक की नए एक्सपोर्ट ऑर्डर 6 महीने के अपने निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और इनमें 9 महीनों में पहली बार गिरावट देखने को मिली है।

हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार की स्थिति और खराब नहीं हुई है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार 3 महीने रोजगार दर में गिरावट के बाद मार्च में इसमें स्थिरता आती दिखी है। सर्वे में शामिल कंपनियों का कहना है कि जरुरतों को पूरा करने के लिए वर्तमान रोजगार दर पर्याप्त है। S&P Global की इस रिपोर्ट के मुताबिक वास्तविक चिंता कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर है। हमें एक बार फिर बढ़ती उत्पादन लागत का भार ग्राहकों पर जाता दिखा है और महंगाई 5 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। फिलहाल अभी मांग, कीमत में इस बढ़ोतरी को बर्दाश्त करने के लिए पर्याप्त मजबूत है लेकिन अगर महंगाई इसी दर से बढ़ती रही तो हमें आगे मांग पर दबाव देखने को मिल सकता है।
 

jyoti choudhary

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