नीतिगित दर स्थिर रहने से नहीं बढ़ेगी कर्ज की लागत, रियल्टी क्षेत्र को मिलेगी गति: उद्योग

Friday, Apr 05, 2024 - 04:41 PM (IST)

नई दिल्लीः जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के फैसले से कर्ज की लागत स्थिर रहेगी और घर खरीदने के बारे में निर्णय कर पाना आसान होगा। हालांकि रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाने के लिए आगामी समीक्षा बैठक में रेपो दर में कटौती की मांग भी रखी गई है। 

खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार सातवीं बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय ‘नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल' (नारेडको) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘रेपो दर यथावत रखने का निर्णय देश की आर्थिक बुनियाद में भरोसे को दर्शाता है। इससे नए वित्त वर्ष में उत्साहजनक परिवेश तैयार होगा। वित्त वर्ष 2024-25 में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान भी रियल एस्टेट क्षेत्र में निरंतर वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है।'' 

हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम आरबीआई से आगामी समीक्षा बैठक में नीतिगत दर पर विचार करने का अनुरोध करते हैं। बेहतर नकदी के साथ कम ब्याज दर कंपनियों और घर खरीदारों को समान रूप से प्रोत्साहित करती हैं। इससे रियल एस्टेट बाजार और इससे जुड़े क्षेत्रों को मजबूती मिलती है।'' क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष एवं रियल एस्टेट कंपनी गौड़ ग्रुप के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘रेपो दर को लगातार सातवीं बार स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट जगत के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि मुद्रास्फीति के आंकड़े अब भी चिंता का विषय हैं। हमें उम्मीद है कि इस कदम से भारत को मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।'' 

jyoti choudhary

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