जानिए कौन हैं अजीत जैन, जिन्हें वॉरेन बफेट बनाना चाहते हैं उत्तराधिकारी

punjabkesari.in Monday, May 06, 2019 - 06:39 PM (IST)

नई दिल्लीः दिग्गज अमेरिकी कंपनियों की कमान संभालने वाले भारतीयों की सूची में जल्द एक और नाम शामिल हो सकता है। दुनिया के सबसे सफल निवेशक वारेन बफेट ने बर्कशायर हैथवे में उनके संभावित उत्तराधिकारी के सवाल पर दो लोगों के नाम सुझाए हैं। 88 साल के बफेट ने कहा है कि भारतीय अजीत जैन और ग्रेगरी एबल भविष्य में उनका साथ दे सकते हैं। दोनों को पिछले साल प्रमोशन देकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था। आइए जानते हैं कौन हैं भारतीय अजीत जैन?

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जानिए जैन का सफर
अजीत जैन 1986 में बर्कशायर हैथवे के बीमा कारोबार से जुड़े थे। अभी वह वाइस चेयरमैन के तौर पर बर्कशायर हैथवे के बीमा कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं। जैन का जन्म ओडिशा में हुआ है। वह आईआईटी-खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने साल 1972 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। वह आईबीएम और मैकेंजी एंड कंपनी में भी काम कर चुके हैं। वह अंशु जैन का बड़े चचेरे भाई हैं, जो डचेस बैंक के पूर्व को-सीईओ थे।

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जैन ने साल 1973 से 1976 तक आईबीएम के लिए भारत में डेटा-प्रोसेसिंग ऑपरेशन्स के सेल्समैन का काम किया। साल 1973 में उन्हें अपने क्षेत्र में 'रूकी ऑफ द ईयर' नामित किया गया था। साल 1976 में जब आईबीएम ने भारत में अपने ऑपरेशन्स बंद कर दिए, तो उनकी नौकरी भी चली गई थी। इसके बाद साल 1978 में जैन अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किआ और मैकिन्से एंड कंपनी से जुड़ गए।

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साल 1980 के दशक की शुरुआत में वे भारत लौटे और शादी कर ली। उनकी पत्नी को अमेरिका में रहना पसंद था, लिहाजा वह फिर से अमेरिका चले गए। साल 1986 में वॉरेन बफेट के इंश्योरेंस ऑपरेशन्स पर काम करने के लिए उन्होंने मैकिन्से को छोड़ दिया। जैन को उनके पूर्व बॉस माइकल गोल्डबर्ग ने हैथवे में काम करने का न्योता दिया था, जो 1982 में बर्कशायर हैथवे में शामिल होने के लिए मैकिन्से एंड कंपनी को छोड़ गए थे।

 
 


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jyoti choudhary

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