वॉरेन बफेट का यू-टर्न, कियोसाकी की चेतावनी: 1929 जैसी महामंदी फिर से दस्तक दे सकती है

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 06:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः विश्व के दो बड़े निवेश दिग्गजों, वॉरेन बफेट और रॉबर्ट कियोसाकी के बीच निवेश को लेकर बहस ने फिर से निवेशकों का ध्यान खींचा है। जहां बफेट ने सालों तक सोने और चांदी में निवेश को नकारा, वहीं हाल ही में उनकी राय में बदलाव आया है। इस बदलाव को देखकर कियोसाकी ने चेतावनी दी है कि शेयर और बॉन्ड मार्केट में बड़ी गिरावट और 1929 जैसी महामंदी का खतरा बढ़ सकता है।

बीते एक साल में सोने और चांदी की कीमतों में 50% से अधिक तेजी देखी गई है, जो यह दर्शाता है कि आर्थिक अनिश्चितता के दौरान ये कीमती धातुएं निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बन जाती हैं। इसी बीच ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट पर निशाना साधा। बफेट हमेशा से सोने में निवेश के खिलाफ रहे हैं। लेकिन अब उनकी बदली राय ने सबको चौंका दिया है।

कियोसाकी और बफेट की निवेश संबंधी सोच हमेशा अलग रही है। बफेट ने पहले सोने और चांदी को ‘बेकार’ और ‘नॉन-प्रोडक्टिव’ बताया था, जबकि कियोसाकी इन्हें आर्थिक अनिश्चितता के दौर में भरोसेमंद निवेश मानते रहे हैं। अब जब बफेट ने सोने-चांदी के समर्थन में बदलाव किया, तो कियोसाकी इसे शेयर और बॉन्ड मार्केट में संभावित गिरावट का संकेत मान रहे हैं।

बफेट का यू-टर्न और कियोसाकी की प्रतिक्रिया

वॉरेन बफेट ने हमेशा कहा था कि सोना जमीन से निकाला जाता है, पिघलाया जाता है और फिर जमीन में ही दबा दिया जाता है, जिसका कोई खास उत्पादन मूल्य नहीं है लेकिन हाल ही में उनकी राय बदल गई है। कियोसाकी ने ट्वीट कर लिखा, “बफेट ने सालों तक सोने-चांदी में निवेश करने वालों का मजाक उड़ाया। अब उनकी तारीफ सुनकर उल्टी आ रही है। इसका मतलब है कि शेयर और बॉन्ड मार्केट क्रैश होने वाला है।”

कियोसाकी का मानना है कि यदि बफेट जैसे दिग्गज भी सोने और चांदी को सुरक्षित मान रहे हैं, तो पारंपरिक निवेश अब जोखिम भरा हो सकता है।

कियोसाकी का निवेशकों के लिए संदेश

कियोसाकी लंबे समय से सोने, चांदी और क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देते आए हैं। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई, भूराजनीतिक तनाव और वैश्विक व्यापार युद्ध के इस दौर में ये संपत्तियां निवेशकों को सुरक्षा देती हैं। वे चेतावनी दे रहे हैं कि आर्थिक संकट करीब है, जो 1929 की महामंदी जितना गंभीर हो सकता है।

उनकी सलाह है कि निवेशक अब पारंपरिक निवेश जैसे शेयर और बॉन्ड से हटकर सुरक्षित विकल्पों की ओर ध्यान दें। हालिया सोने-चांदी की तेजी ने कियोसाकी की बात को और बल दिया है। वे निवेशकों से कह रहे हैं कि बफेट की बदली राय को गंभीरता से लें, क्योंकि यह आर्थिक तूफान के आने का संकेत हो सकता है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News