दुनिया का सबसे बड़ा बैंक JP Morgan, अब तक 1200 बैंक इसमें मर्ज हुए

punjabkesari.in Friday, Mar 01, 2024 - 03:15 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका के बैंकिंग इतिहास में जब-जब मुसीबत आई, सारे रास्ते जेपी मॉर्गन की ओर मुड़ गए। इस बैंक के बारे में कहा जाता है कि 225 सालों के इतिहास में यह कभी भी आपदाओं को अवसर में बदलने से नहीं चूका। इसमें अब तक 1200 बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं का विलय/अधिग्रहण हो चुका है। मार्केट कैप के हिसाब से दुनियां का सबसे बड़ा बैंक जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी अपने इसी 'आकार' के कारण चर्चाओं में बना रहता है। अमेरिका में बैंकों की असफलताएं डराती रही हैं। 'यहां साल 2000 से अब तक हर साल 25 बैंक असफल हुए। ऐसे में आशंकाएं जताई जाती हैं कि जेपी मॉर्गन में आने वाली मुसीबत का असर आम लोगों पर भी पड़ सकता है। क्या है इसका इतिहास, इस हफ्ते की ब्रांड स्टोरी में पढ़ते हैं।

मॉर्गन लाइब्रेरी एंड म्यूजियम की नींव वर्ष 1902 में जेपी मॉर्गन ने रखी थी। वह खुद कला प्रेमी और आर्ट कलेक्टर थे। वर्ष 1890 से ही मॉर्गन ने ऐतिहासिक किताबें, पांडुलिपियां, क्लासिक पेंटिंग्स और प्रिंट का संग्रह शुरू कर दिया था। न्यूयॉर्क स्थित यह लाइब्रेरी और म्यूजियम 175 हजार वर्ग फीट में फैला हुआ है। जेपी मॉर्गन चेस भी आर्ट कलेक्शन करती है।

शुरुआत: 225 सालों में बदलता गया बैंक, आर्थिक संकट भी झेले

जेपी मॉर्गन चेस की मौजूदा शक्ल पिछले 225 सालों में हुई कई 'सर्जरी' के बाद लगातार बदली। कहानी की शुरुआत होती है साल 1799 में, जब न्यूयॉर्क में एरन बरं ने मैनहट्टन बैंक बनाया। बाद में उनके साथ जुड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था के फाउंडर एलेक्जेंडर हेमिल्टन। इस बीच अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जेपी मॉर्गन का दौर शुरू हो गया। 1871 में उन्होंने असेट मैनेजमेंट, इन्वेस्मेंट बैकिंग के लिए जेपी मॉर्गन एंड कंपनी बनाकर अर्थव्यवस्था को कई मुश्किल हालात से बाहर निकाला। इनमें 1903 और 1907 के आर्थिक संकट प्रमुख हैं। वहीं 1877 में चेस नेशनल बैंक की शुरुआत हुई। साल 1955 में बैंक ऑफ मैनहट्टन और चेस बैंक का विलय हो गया।

मार्केट: असेट्स में पांचवां सबसे बड़ा बैंक, मुनाफे में नंबर- 1

जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी मार्केटिंग और अपनी बाकी सब्सिडरी कंपनियों की सहूलियत और ब्रांडिंग के उद्देश्य से खुद को जेपी मॉर्गन नाम से पुकारती है। इसने बिजनेस को मोटे तौर पर दो हिस्सों में बांटा है। अमेरिकी ग्राहकों और कमर्शियल बैंकिंग के लिए चेस ब्रांड है। वहीं इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, असेट मैनेजमेंट मॉर्गन के हवाले है। अमेरिका के 4,715 बैंकों में नंबर-1 जेपी मॉर्गन मार्केट कैप के साथ दुनिया का सबसे बड़ा बैंक बना हुआ है। मुनाफा, ब्रांच की संख्या में भी नंबर-1 है। हालांकि असेट्स के लिहाज से ये दुनिया का पांचवां बड़ा बैंक है, पहला इंडस्ट्रीयल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना है।

रणनीति: बड़े-बड़े बैंक और इकोनॉमी को डूबने से बचाया

साल 2008 में जब दुनिया में मंदी का दौर आया तो जेपी मॉर्गन चेस के लिए यह अवसर साबित हुआ। चूंकि तब इसके पास कुल अमेरिकी डिपॉजिट का दस फीसदी था, ऐसे में इसे आपात स्थिति को छोड़कर बैंक खरीदने की अनुमति नहीं थी। पर 2008 में मौका मिलते ही इसने वॉशिंगटन म्यूचुअल और द बियर स्टर्स को खरीद लिया। वॉशिंगटन म्यूचुअल अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा बैंक फेल्योर माना जाता है। इसी तरह बीते साल मार्च में जब फर्स्ट रिपब्लिक बैंक पर संकट के बादल मंडराने लगे तो अमेरिका की ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन को जेपी मॉर्गन बैंक की ही याद आई। और 10 अरब डॉलर में इसने फर्स्ट रिपब्लिक को खरीद लिया।


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Content Writer

jyoti choudhary

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