‘सिर्फ 1 रुपए’ की लड़ाई में बर्बाद हो गई जैट एयरवेज'

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 10:03 AM (IST)

बिजनेस डेस्क (सलवान): जैट एयरवेज लगातार कई तिमाही से घाटा झेल रही है। कम्पनी की आर्थिक स्थिति किस हद तक खराब है ये बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन हाल ही में कम्पनी से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने कम्पनी को इस हालत में पहुंचा दिया। दरअसल कम्पनी की बर्बादी का कारण एक रुपया है। जी हां कभी जैट एयरवेज को सिर्फ 1 रुपए की जरूरत थी। अगर उस समय जैट एयरवेज एक रुपए का जुगाड़ कर पाती तो शायद आज कम्पनी इस हालत में नहीं पहुंचती। जैट एयरवेज की बर्बादी की कहानी कुछ इस तरह शुरू हुई। दरअसल जैट एयरवेज अपनी प्रतिद्वंद्वी कम्पनियों के मुकाबले अपनी ईंधन लागत को छोड़कर लगभग अपनी हर सुविधा पर 1 रुपए ज्यादा खर्च करती है। यही 1 रुपए की लड़ाई कम्पनी को घाटे में ले गई और कम्पनी इस बात को समझ नहीं पाई।
PunjabKesari
कम्पनी को झेलना पड़ा नुक्सान
2015 के खत्म होते-होते कम्पनी फायदे में चल रही थी। दूसरी एयरलाइन जैसे इंडिगो के मुकाबले कम्पनी को तकरीबन हर सीट प्रति किलोमीटर 50 पैसे ज्यादा का फायदा हो रहा था। फिर उसी समय इंडिगो ने जैट एयरवेज को पछाडऩे का प्लान बनाया और कम्पनी इसमें कामयाबा भी रही। इंडिगो के मालिकाना हक वाली कम्पनी इंटरग्लोब एविएशन ने इंडिगो का ऑप्रेशन लगभग 2.5 गुना तक तेज कर दिया। इतना ही नहीं कम्पनी ने अपने टिकट भी सस्ते कर दिए। इंडिगो के इस कदम के कारण कम्पनी को 2016 के पहले 9 महीनों तक रैवेन्यू में प्रति किलोमीटर 90 पैसे का नुक्सान झेलना पड़ा। उस समय जैट एयरवेज को नुक्सान से बचने और कम्पनी को फायदे में लाने का अ४छा मौका था लेकिन जैट एयरवेज इस बात को समझ नहीं पाई।
PunjabKesari
ऐसे दी इंडिगो ने मात
उस समय अगर जैट एयरवेज अपने टिकट 1 रुपए तक सस्ता कर देती तो उसे इंडिगो से मात नहीं खानी पड़ती। शायद कम्पनी को इतना नुक्सान भी नहीं झेलना पड़ता, लेकिन जैट एयरवेज ऐसा नहीं कर पाई क्योंकि उस समय भी कम्पनी नुक्सान में चल रही थी और कर्ज में थी। इसके बावजूद भी जैट एयरवेज ने 90 पैसे की जगह हर सीट पर 30 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से नुक्सान उठाने का साहसिक फैसला किया। यानी 50 पैसे का हो रहा मुनाफा और 30 पैसे का अतिरिक्त घाटा मिलाकर उसके रैवेन्यू में हर सीट पर प्रति किलोमीटर कुल 80 पैसे की दर से नुक्सान होने लगा। कम्पनी का यहीं कदम उसके लिए गलत साबित हुआ और कम्पनी को भारी-भरकम नुक्सान झेलना पड़ा। जैट को मार्च 2021 तक 63 अरब रुपए कर्ज चुकाना है। जैट की हालत यह है कि सितम्बर के आखिर तक उसके पास 124 जहाजों का बेड़ा था जिसमें उसके खुद के महज 16 जहाज थे। आशंका है कि कहीं ये 16 जहाज भी बिक न जाएं।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News