जयंत सिन्हा ने कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव को बताया जरूरी, जानिए क्या कहा
punjabkesari.in Saturday, Jan 14, 2023 - 12:34 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः अगले यूनियन बजट में कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सरकार इक्विटी के मामले में सार्वजनिक और निजी बाजारों के बीच नियमों में समानता लाने की मांग पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अगले साल लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।
पूर्व वित्त राज्यमंत्री और वित्त से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने कहा ' जहां तक पब्लिक मार्केट की बात है तो हमारे पास कैपिटल गेन टैक्स पर काफी अच्छी व्यवस्था है। पब्लिक बाजार में यदि आपकी होल्डिंग अवधि अपेक्षाकृत कम है या सिर्फ एक वर्ष है तो आपको काफी कम कैपिटलगेन टैक्स चुकाना होता है लेकिन प्राइवेट बाजारों में ये नियम लागू नहीं होते।'
पब्लिक मार्केट के विपरीत प्राइवेट मार्केट में आपको लंबी अवधि की होल्डिंग्स पर ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है। प्राइवेट मार्केट में किए जानें वाले निवेश में निजी कंपनियों के इक्विटी और डेट में किया जाने वाला निवेश शामिल होता है।
वित्त से संबंधित संसदीय समिति नियमों में बदलाव की सिफारिश कर चुकी है
वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि बजट को इक्विटी, डेट, रियल एस्टेट, सोना और म्यूचुअल फंड में कैपिटल गेन टैक्स नियमों को सरल और सुव्यवस्थित बनाना चाहिए। जयंत सिन्हा ने कहा कि किसी स्टार्टअप में निवेश करने वाले एंजेल निवेशक के लिए होल्डिंग पीरियड तीन जितनी लंबी अवधि का होता है। इसके अलावा इनके ऊपर लागू होने वाली कैपिटल गेन टैक्स की दर भी काफी ज्यादा होती है। ऐसे में हमारा मानना है कि कैपिटल गेन टैक्स के लिए पब्लिक और प्राइवेट मार्केट में एक समान नियम होने चाहिए जिससे हमारे स्टार्टअप्स को हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स और एंजेल निवेशकों से ज्यादा मात्रा में पूंजी मिल सके और वे इस पूंजी का ज्यादा बेहतर तरीके से लाभ उठा सकें। स्टार्टअप ईको सिस्टम हमारे देश के लिए एक बड़ी ताकत है। इसको ध्यान में रखते हुए हमें कैपिटल गेन नियमों में सुधार की जरूरत है।
बता दें कि तमाम दूसरे स्टेक होल्डरों की तरफ से भी कैपिटल गेन नियमों में बदलाव की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि अलग-अलग होल्डिंग पीरियड ब्याज दरों, टैक्स ब्रेक, इंडेक्सेशन और असमान इंसेटिव्स से जुड़े नियमों में समरूपता लाई जानी चाहिए। सरकार के अंदर ही बहुत लोगों का यह मानना है कि कैपिटल गेन नियमों में सरलता, सहजता और समानता लाने की जरूरत है। इसमें भी खासकर प्राइवेट निवेश से जुड़े नियमों में सुधार की ज्यादा जरूरत है। सरकार भी इन नियमों में समानता लाने पर विचार कर रही है।