इसुज़ु मोटर्स इंडिया के वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात FY25 में 24% बढ़कर 20,312 यूनिट हुआ
punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 04:32 PM (IST)

नई दिल्लीः इसुज़ु मोटर्स इंडिया (IMI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 20,312 वाणिज्यिक वाहनों (CVs) का निर्यात कर भारत की सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन निर्यातक कंपनी बनने का गौरव हासिल किया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की 16,329 यूनिट्स की तुलना में 24% की बढ़ोतरी दर्शाता है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस उपलब्धि ने IMI को इस सेगमेंट में उसके प्रतिस्पर्धियों से आगे कर दिया है और भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में इसके योगदान को और मजबूत किया है।
अब तक का सबसे ऊंचा वार्षिक निर्यात आंकड़ा
कंपनी ने बताया कि हाल के वर्षों में वह लगातार शीर्ष तीन वाणिज्यिक वाहन निर्यातकों में शामिल रही है, लेकिन यह ताजा आंकड़ा अब तक का उसका सबसे बड़ा वार्षिक निर्यात वॉल्यूम है।
श्री सिटी प्लांट का योगदान
आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में स्थित IMI का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट एशिया और मध्य पूर्व के देशों जैसे नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, सऊदी अरब, कतर और ओमान में लेफ्ट-हैंड और राइट-हैंड ड्राइव दोनों तरह के बाजारों की मांग को पूरा करता है। हाल ही में इस प्लांट ने अपनी 1,00,000वीं गाड़ी का उत्पादन पूरा किया, जो वैश्विक बाजारों के लिए इसुज़ु की मैन्युफैक्चरिंग रणनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
इसुज़ु की गुणवत्ता की गवाही
इसुज़ु मोटर्स इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल ने कहा, “यह मील का पत्थर इसुज़ु की वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग फिलॉसफी – इसुज़ु मोनोज़ुकुरी – की ताकत को दर्शाता है। भारत में हम जो भी वाहन बनाते हैं, वे इसुज़ु ब्रांड के वैश्विक मानकों पर खरे उतरते हैं। हमारी श्री सिटी फैसिलिटी में कुशल और समर्पित टीम कार्यरत है। ये 'मेक-इन-इंडिया' वाहन हमारे मजबूत उत्पादन प्रक्रिया, सिद्ध उत्पाद डीएनए और घरेलू व वैश्विक बाजारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।”
भारतीय निर्माण क्षमता की वैश्विक पहचान
इसुज़ु मोटर्स इंडिया के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर तोरू किशिमोतो ने कहा, “हम गर्व महसूस करते हैं कि भारत में निर्मित ISUZU वाहनों की वैश्विक प्रमुख बाजारों में निरंतर और बढ़ती मांग देखी जा रही है। यह निर्यात प्रदर्शन हमारे वाहनों की विश्वस्तरीय गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन का प्रमाण है।” यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ पहल और भारत की वैश्विक विनिर्माण क्षमता की पहचान को और मजबूती देती है।