पढ़ेः PNB घोटाले से लेकर RBI गवर्नर के इस्तीफे तक के मुद्दे, कारोबारी जगत में हुई कई घटनाएं

punjabkesari.in Sunday, Dec 30, 2018 - 03:47 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः इस साल कारोबारी जगत में कई घटनाएं हुईं जिनसे निवेशक और आम आदमी ही नहीं सरकार भी प्रभावित हुई। बैंकिंग सेक्टर के सबसे बड़े पीएनबी घोटाले से लेकर आरबीआई गवर्नर के इस्तीफे तक के मुद्दों ने देश का ही नहीं दुनियाभर का ध्यान खींचा। जानिए कौन-कौन सी हैं ये घटनाएं? 

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जनवरी: PNB घोटाला
साल की शुरूआत में ही भारतीय बैंकिंग सेक्टर के इस सबसे बड़े फ्रॉड के साथ हुई। मुंबई स्थित पीएनबी की ब्रेडी हाउस ब्रांच के डीजीएम ने 29 जनवरी को सीबीआई से शिकायत की। उन्होंने कहा कि बैंक के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से 280 करोड़ रुपए के फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) जारी किए गए। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी के लिए ये एलओयू जारी हुए। फरवरी में पता चला कि घोटाला 13,700 करोड़ रुपए का था।

पीएनबी घोटाले की वजह से इस साल पीएनबी के शेयर में 45% गिरावट आ गई। 29 जनवरी को शेयर प्राइस 173.95 रुपए था जो अब घटकर 78.35 रुपए रह गया है।

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अप्रैल: TCS का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर हुआ
23 अप्रैल को पहली बार आईटी कंपनी टीसीएस का वैल्यूएशन इस स्तर तक पहुंचा। शेयर में 4% से ज्यादा तेजी आने की वजह से मार्केट कैप में इजाफा हुआ। टीसीएस 100 अरब डॉलर (7 लाख करोड़ रुपए) का मार्केट कैप हासिल करने वाली देश की दूसरी कंपनी बन गई। इससे पहले अक्टूबर 2007 में रिलायंस ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

इसका असर क्या हुआ?
11 साल बाद किसी भारतीय कंपनी को 100 अरब डॉलर क्लब में शामिल होने का रुतबा हासिल हुआ। यह दुनिया की 64वीं बड़ी कंपनी बन गई।

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मई: 1.07 लाख करोड़ रुपए की वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील
यह ई-कॉमर्स में दुनिया की सबसे बड़ी डील है। अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने 1.07 लाख करोड़ रुपए में भारतीय कंपनी फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इससे वॉलमार्ट को भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में सीधी पहुंच मिल गई। साथ ही ऑनलाइन सेगमेंट में भी उसने जगह बना ली। इससे पहले उसका कारोबार ऑफलाइन स्टोर तक ही सीमित था।

मई: PNB को 13,417 करोड़ रु का तिमाही घाटा
नीरव मोदी के घोटाले की वजह से पीएनबी को जनवरी-मार्च तिमाही में यह नुकसान हुआ। यह देश के बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा नुकसान है। इस साल जनवरी-मार्च पीएनबी का एनपीए 12.5 फीसदी से बढ़कर 18.3 फीसदी पर पहुंच गया। इसकी प्रोविजनिंग चार गुना बढ़ गई। जनवरी-मार्च 2017 में बैंक को 262 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।

इसका असर क्या हुआ?
तिमाही नतीजों के ऐलान के अगले दिन 16 मई को पीएनबी का शेयर एक ही दिन में 12% टूट गया। 15 मई को शेयर प्राइस 86 रुपए था जो 16 मई को 75.55 रुपए रह गया।

जुलाई: रिलायंस का मार्केट कैप दूसरी बार 100 अरब डॉलर हुआ
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का मार्केट कैप 12 जुलाई को 100 अरब डॉलर (7 लाख करोड़ रुपए) हो गया। ऐसा दूसरी बार हुआ। इससे पहले 18 अक्टूबर 2007 को भी रिलायंस ने ये मुकाम हासिल किया था।

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जुलाई: मुकेश अंबानी एशिया के सबसे बड़े अमीर बने
रिलायंस के शेयर में तेजी की वजह से मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 13 जुलाई को 3.10 लाख करोड़ रुपए हो गई। उन्होंने चीन के अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन जैक मा (नेटवर्थ 3.08 लाख करोड़ रुपए) को पीछे छोड़ दिया।

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सितंबर: फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर भाईयों का विवाद
देश की दूसरी बड़ी हॉस्पिटल चेन फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह 4 सितंबर को बड़े भाई मलविंदर सिंह के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका दाखिल की। उन्होंने मलविंदर पर फोर्टिस को डुबोने का आरोप लगाया। शिविंदर के मुताबिक आरएचसी होल्डिंग, रेलीगेयर और फोर्टिस के मैनेजमेंट में गड़बड़ी की वजह से कंपनी, शेयरहोल्डर और कर्मचारियों को नुकसान हुआ। हालांकि, परिवार के दखल देने पर शिविंदर ने बाद में याचिका वापस ले ली।

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सितंबर: 91,000 करोड़ रु के कर्ज में डूबी आईएल एंड एफएस का नकदी संकट
इंफ्रा सेक्टर से जुड़े आईएल एंड एफएस ग्रुप की कंपनियों ने छोटे-छोटे लोन चुकाने में डिफॉल्ट करना शुरू कर दिया। कर्ज बढ़ने और उतनी आमदनी नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ। कंपनी का कर्ज बढ़कर 91,000 करोड़ रुपए हो गया। हालात ये हो गए कि ग्रुप दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया। आईएल एंड एफएस को नॉन बैंकिंग फाइनेंस समूह है। यह इंफ्रा, फाइनेंस और ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टर में काम करता है।

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अक्टूबर: पेट्रोल का रेट 91 रु के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
मई में कर्नाटक चुनाव से पहले तेल कंपनियों ने लगातार 12 दिन तक पेट्रोल-डीजल के रेट नहीं बढ़ाए। चुनाव के नतीजे आते ही रेट बढ़ाने शुरू कर दिए। 4 अक्टूबर को दिल्ली में पेट्रोल का रेट 84 रुपए और मुंबई में 91.34 रुपए प्रति लीटर के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के रेट बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट की वजह से ऐसा हुआ।

इसका असर क्या हुआ?
सरकार के खिलाफ जनता में गुस्सा बढ़ने लगा। महंगे ईंधन के मुद्दे पर सरकार विपक्ष के निशान पर आ गई। 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए 4 अक्टूबर को सरकार ने एक्साइज ड्यूटी 1.5 रुपए घटाने का फैसला लिया। एक रुपया तेल कंपनियों से कम करने के लिए कहा गया। राज्यों से भी 2.5 रुपए घटाने की अपील की गई। इस तरह अगले दिन भाजपा शासित 12 राज्यों में पेट्रोल-डीजल 5 रुपए तक सस्ते हुए।

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अक्टूबर: रुपया पहली बार 74 के नीचे फिसला
नौ अक्टूबर को रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 74.39 पर पहुंच गया। क्रूड के रेट बढ़ने और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर की वजह से रुपए को इस साल नुकसान हुआ। जनवरी से अक्टूबर तक इसमें 15 फीसदी की गिरावट आई।

इसका असर क्या हुआ?
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट की वजह से विदेशों में पढ़ाई और पर्यटन महंगा हो गया। सरकार के चालू खाते के घाटे में भी इजाफा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर हमले किए। रुपए में गिरावट के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया गया।

दिसंबर: RBI गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा
सरकार से विवादों की वजह से उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को अचानक इस्तीफा दे दिया। बैंकों के खिलाफ प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए), अलग पेमेंट-सेटलमेंट रेगुलेटर की सिफारिश, एनपीए के नियम जैसे मुद्दों पर आरबीआई और सरकार के बीच विवाद था। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में विवाद खुलकर सामने आया, जब आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता का मुद्दा उठाया था।

इसका क्या असर हुआ?
11 दिसंबर को इंट्रा-डे में सेंसेक्स 500 अंक लुढ़क गया। हालांकि, बाद में 300 प्वाइंट की रिकवरी हो गई। उधर, रुपए में 110 पैसे की बड़ी गिरावट आ गई। यह 72.42 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, क्लोजिंग 53 पैसे की गिरावट के साथ 71.85 पर हुई।  विपक्ष ने सरकार पर हमले तेज कर दिए। आरोप लगे कि सरकार के दबाव में उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया। क्योंकि, सरकार केंद्रीय बैंक को अपने हिसाब से चलाना चाहती थी।

दिसंबर: 9,000 करोड़ रु के लोन डिफॉल्टर विजय माल्या का प्रत्यर्पण
लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने 10 दिसंबर को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण की इजाजत दी। प्रत्यर्पण पर आखिरी फैसला यूके की सरकार लेगी। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। भारत ने पिछले साल फरवरी में यूके से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी।


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jyoti choudhary

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