छोटे डीलर्स से खरीद पर फंसेगा इनपुट क्रैडिट!

punjabkesari.in Wednesday, Oct 11, 2017 - 11:42 AM (IST)

नई दिल्ली : जी.एस.टी. के तहत डेढ़ करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को मंथली की बजाय तिमाही रिटर्न भरने की छूट के साथ ही एक नया विवाद शुरू हो गया है। डेढ़ करोड़ से ऊपर के कारोबारियों का कहना है कि अगर वे कोई माल छोटे कारोबारी से खरीदते हैं और वह तिमाही रिटर्न भरता है तो उनकी मंथली रिटर्न ऑटोपॉपुलेटेड नहीं हो पाएगी। इससे उन्हें इनपुट क्रैडिट नहीं मिलेगा। ऐसे में तिमाही रिटर्न की छूट सभी को मिलनी चाहिए। इसी तरह कुछ और रियायतों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

ट्रेड-इंडस्ट्री ने मांगी सरकार से सफाईः वेद जैन
जी.एस.टी. एक्सपर्ट और इंस्टीच्यूट ऑफ  चार्टर्ड अकाऊंटैंट्स ऑफ  इंडिया के पूर्व प्रैसीडैंट वेद जैन ने बताया कि अब तक की व्यवस्था के मुताबिक हर असैसी को जी.एस.टी.आर.-1 के तहत आऊटवर्ड सप्लाई (सेल्स) की डिटेल्स भरनी होती है। इसके आधार पर जी.एस.टी.आर.-2 और 3 तैयार होते हैं। अब सवाल उठता है कि आप मंथली रिटर्न भरते हैं और जिससे माल खरीदा है वह अगर तिमाही रिटर्न भरेगा तो परचेज डिटेल्स ऑटोपॉपुलेट कैसे होगी? इसके बिना आपको इनपुट क्रैडिट नहीं मिल सकता। ट्रेड-इंडस्ट्री में इस पर सरकार से तुरंत सफाई मांगी जा रही है, क्योंकि बड़े डीलर्स ने फिलहाल डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वालों से माल लेना बंद कर दिया है।

कारोबारियों के हाथ लग रही निराशाः हेमंत गुप्ता
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सी.टी.आई.) के कन्वीनर हेमंत गुप्ता ने बताया कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के अब कोई भी बड़ा डीलर छोटे से माल नहीं खरीदेगा। तिमाही रिटर्न की छूट सबको मिलनी चाहिए थी। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि 31 दिसम्बर तक डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वालों को भी हर महीने जी.एस.टी.आर.-3बी भरना है जिसमें मोटे तौर पर सभी डिटेल्स देनी होती हैं। ऐसे में वास्तविक छूट 1 जनवरी से ही लागू मानी जाएगी। जैसे-जैसे कारोबारी रियायतों की तह में जा रहे हैं, कुछ को निराशा भी हाथ लग रही है।

कोई डीलर नई छूट का नहीं उठा सकेंगे फायदाः समीर आहूजा
ट्रांसपोर्टर समीर आहूजा ने बताया कि रिवर्स चार्ज मकैनज्म (आर.सी.एम.) में छूट आधी-अधूरी है। सैक्शन 9(4) के तहत अनरजिस्टर्ड डीलर से 5000 रुपए से ज्यादा खरीद को तो छूट मिली है लेकिन 9 (3) के तहत ट्रांसपोर्ट और कई अन्य सेवाओं पर यह छूट नहीं मिलेगी। सरकार ने अभी यह भी साफ  नहीं किया है कि कम्पोजिशन स्कीम के तहत 1 करोड़ रुपए टर्नओवर तक की छूट क्या उन राज्यों के डीलर्स को भी मिलेगी, जहां अब तक इसकी सीमा 75 की बजाय 50 लाख ही थी। मौजूदा वित्त वर्ष में कम्पोजिशन स्कीम ऑप्ट करने की डैडलाइन 30 सितम्बर को बीत गई थी। अगर यह विंडो फिर नहीं खोली जाती तो इस साल कोई भी डीलर नई छूट का फायदा नहीं उठा पाएगा।
 


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