उद्योग जगत ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया, उबरने के लिए राहत पैकेज पर दिया जोर

punjabkesari.in Tuesday, Apr 14, 2020 - 05:15 PM (IST)

नयी दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत ने मंगलवार को कहा कि मनुष्य जीवन पर बढ़ते संकट को रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाना जरूरी था। लेकिन इसके साथ ही उद्योगों ने कोरोना वायरस महामारी के चलते अर्थव्यवस्था के सामने पैदा हुए मुश्किल हालात से उबरने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत पर भी जोर दिया है। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को तीन मई 2020 तक बढ़ाने की घोषणा की और कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आगे लॉकडाउन को लागू करने के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश बुधवार को जारी किए जाएंगे और 20 अप्रैल के बाद उन जगहों पर कुछ छूट दी जा सकती है, जहां वायरस का प्रसार नहीं होगा। लॉकडाउन के विनाशकारी प्रभाव अर्थव्यवस्था पर दिखने लगे हैं और लाखों प्रवासी श्रमिकों की आजीविका पर संकट बढ़ने से चिंताएं पैदा हो गई हैं। इसके चलते कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कुछ क्षेत्रों के लिए छूट मांगी है। फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा अनुमान है कि भारत को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रतिदिन करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और पिछले 21 दिनों के दौरान 7-8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान करीब चार करोड़ नौकरियों पर संकट रहेगा। इसलिए तत्काल राहत पैकेज भी महत्वपूर्ण है।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि लॉकडाउन जारी रखने का प्रधानमंत्री का फैसला एक बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए एक दिशानिर्देश भी दिया है, जिससे उद्योगों की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी। आईटी उद्योग की संस्था नॉसकॉम ने कहा हम संक्रमण रहित क्षेत्रों में प्रतिबंधों से छूट देने के प्रस्ताव से खुश हैं और आशा करते हैं कि सरकार जल्द ही आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा करेगी ताकि हम अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर सकें। जीवन और आजीविका, दोनों को सहेजने का काम साथ-साथ चलना चाहिए।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

rajesh kumar

Recommended News

Related News