भारतीय बैंकिंग सेक्टर मजबूत स्थिति में, पूंजी पर्याप्तता रिकॉर्ड स्तर पर: RBI की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 04:56 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को "वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report)" जारी की, जिसमें बताया गया है कि देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत बना हुआ है। बैंकों के पास रिकॉर्ड उच्च स्तर की पूंजी सुरक्षा (Capital Buffers) है और एनपीए (NPA) यानी गैर-निष्पादित ऋणों का अनुपात पिछले कई दशकों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है।
प्रमुख बातें
- मार्च 2025 तक सकल एनपीए अनुपात घटकर 2.3% रह गया है, जो मार्च 2027 तक मामूली बढ़कर 2.5% होने का अनुमान है।
- बैंकों की पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CRAR) बढ़कर मार्च 2025 तक 17.3% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
- एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) की भी परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर हुई है और उनकी पूंजी की स्थिति मजबूत है।
- वित्तीय संस्थानों के आपसी जुड़ाव में दो अंकों की दर से वृद्धि हो रही है।
रिटेल लोन सेगमेंट में तनाव
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और माइक्रोफाइनेंस जैसे क्षेत्रों में डिफॉल्ट मामलों में वृद्धि हुई है। अधिक जोखिम वाले ग्राहकों को तेज़ी से ऋण देने की वजह से इन क्षेत्रों में चूक (missed payments) की दर बढ़ी है।
RBI का विकास अनुमान
भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 2025-26 में 6.5% और 2026-27 में 6.7% रहने का अनुमान है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा का बयान
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रिपोर्ट की भूमिका में कहा कि "वित्तीय स्थिरता भी मूल्य स्थिरता की तरह आर्थिक वृद्धि के लिए अनिवार्य शर्त है।" उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यापार में विभाजन, तकनीकी बदलाव, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक तनाव जैसे ढांचे में बदलाव से नीतिगत निर्णय लेना चुनौतीपूर्ण हो गया है।