India''s Chip Industry: भारत की चिप मेकिंग स्पीड ने चौंकाया! अमेरिका-चीन को जल्द देगा टक्कर

punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 12:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दशक में भारत, अमेरिका और चीन जैसे चिप निर्माण महाशक्तियों के साथ बराबरी की स्थिति में पहुंचे। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारत की घरेलू सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री अगले 7–8 वर्षों में ग्लोबल लेवल पर बड़ा स्थान हासिल कर सकती है। 

India's chip industry Booming: भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दशक में भारत, अमेरिका और चीन जैसे चिप निर्माण महाशक्तियों के साथ बराबरी की स्थिति में पहुंचे। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारत की घरेलू सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री अगले 7–8 वर्षों में ग्लोबल लेवल पर बड़ा स्थान हासिल कर सकती है। यह लक्ष्य सरकार के 10 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर इंसेंटिव प्रोग्राम के तहत मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली और डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।

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योजना लागू होने की रफ्तार उम्मीद से तेज

सिंगापुर में ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम के दौरान वैष्णव ने कहा कि ब्लूप्रिंट तैयार करने से लेकर इसे जमीनी स्तर पर लागू करने तक, भारत की प्रगति उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज रही है। उनके अनुसार, “2031–32 तक भारत कई चिप निर्माण देशों की आज की स्थिति के बराबर पहुंच जाएगा, जहां ग्लोबल स्तर पर समान प्रतिस्पर्धा का माहौल होगा।”

भारत में चिप इकोसिस्टम आकार ले रहा है

पिछले तीन वर्षों में भारत ने सेमीकंडक्टर सेक्टर की मजबूत नींव तैयार कर ली है।

  • Micron Technology ने गुजरात में टेस्टिंग और पैकेजिंग प्लांट पर काम शुरू किया है।
  • Tata Group भी देश में सिलिकॉन चिप निर्माण शुरू करने की तैयारी में है।

सरकार का कहना है कि अगले साल की शुरुआत में तीन भारतीय चिप प्लांट व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर देंगे, जो देश की चिप मेकिंग क्षमता में बड़ा कदम होगा।

ग्लोबल चिप सेक्टर में तेज प्रतिस्पर्धा

दुनिया भर में ताइवान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, चीन और जापान जैसे देश AI, इलेक्ट्रिक वाहनों और एडवांस्ड कंप्यूटिंग के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर अपनी चिप निर्माण क्षमता बढ़ा रहे हैं।
वैष्णव ने कहा कि भारत की असली ताकत सिर्फ निवेश में नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग टैलेंट, डिज़ाइन क्षमताओं और जटिल समस्याओं को हल करने की योग्यता में है। उनकी मानें तो ये तत्व भारत को ग्लोबल चिप दौड़ में आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

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भारत का लक्ष्य प्रतिस्पर्धा नहीं, अपनी क्षमता बढ़ाना है

मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का उद्देश्य किसी देश को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि अपनी टेक्नोलॉजिकल क्षमताओं को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि, “हमें अपनी सीमाओं और क्षमता को मजबूत करना है, न कि दूसरों को कमजोर करने की कोशिश करनी है। यही हमारे प्रधानमंत्री का विज़न भी है।”

डिजिटल संप्रभुता के बढ़ते महत्व की ओर इशारा करते हुए उन्होंने बताया कि आज हर देश अपने तकनीकी भविष्य पर नियंत्रण बनाए रखने की दिशा में रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ रहा है, और भारत भी इसी लक्ष्य के साथ अपनी सेमीकंडक्टर यात्रा को आगे बढ़ा रहा है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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