Indian Toys: ड्रैगन पर भारी पड़ा भारत का हुनर, अमेरिका में बढ़ी भारतीय खिलौनों की डिमांड
punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 12:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः चीन से आयातित खिलौनों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्क और चीनी वस्तुओं पर निर्भरता घटाने की नीति से भारतीय खिलौना उद्योग को बड़ा फायदा होने जा रहा है। भारतीय खिलौना निर्माता अब अमेरिकी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में हैं।
भारतीय खिलौना संघ के मुताबिक, अमेरिका के सख्त नियमों को पूरा करने में सक्षम करीब 40 कंपनियों की पहचान की गई है, जो जल्द ही निर्यात की प्रक्रिया में शामिल हो सकती हैं। संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि इस समय 20 भारतीय कंपनियां अमेरिकी बाजार में बड़े पैमाने पर खिलौनों का निर्यात कर रही हैं और हाल के हफ्तों में अमेरिका से पूछताछ की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
व्हाइट लेबलिंग और ओईएम की मांग में उछाल
अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका के कई खरीदार अब ऐसे भारतीय निर्माताओं की तलाश कर रहे हैं जो अमेरिकी गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हुए व्हाइट लेबलिंग और मूल उपकरण विनिर्माण (OEM) सेवाएं दे सकें।
अमेरिकी बाजार में अपार संभावनाएं
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का खिलौना बाजार 2024 में $42.8 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच चुका है और 2032 तक इसके $56.9 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2025 से 2032 के बीच यह बाजार 3.6% सालाना की दर से बढ़ने की संभावना रखता है।
चीन को मात देने का मौका
भारतीय संघ का मानना है कि यदि अमेरिका भारत को टैरिफ में छूट देता है और चीन पर सख्ती जारी रहती है, तो भारतीय खिलौनों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ सकती है। इससे न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि देश में रोजगार और मेक इन इंडिया को भी मजबूती मिलेगी।