अप्रैल में सर्विस सेक्टर की एक्टिविटी को लगा तगड़ा झटका, 7 माह के निचले स्तर पर

Monday, May 06, 2019 - 12:08 PM (IST)

मुंबईः नए ऑडर्रों में आई कमी और उत्पादन में रही गिरावट से अप्रैल में देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां 7 माह के निचले स्तर पर आ गई। इसकी वजह नए बिजनेस पैदा होने में मामूली वृद्धि और चुनावों के चलते पैदा हुए अवरोध रहे। यह जानकारी मासिक सर्वे से सामने आई। हालांकि चुनावों के बाद हालत के नॉर्मल होने के अनुमान ने आउटलुक बेहतर होने की आशा को सहारा दिया और रोजगार में अच्छी तेजी दिखी।

अप्रैल में निक्केई इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स गिरकर 51 पर आ गया। मार्च में यह 52 के स्तर पर था। यह सितंबर 2018 से अब तक की सबसे कमजोर रफ्तार है।

लगातार 11 माह से सर्विस PMI ग्रोथ के दायरे में
मंद रफ्तार के बावजूद सर्विस पीएमआई लगातार 11 महीने से एक्सपेंशन के दायरे में है। PMI में 50 से ज्यादा का स्कोर ग्रोथ को और इससे कम का स्कोर गिरावट को दर्शाता है।

IHS मार्किट में मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लीमा के मुताबिक, इंडियन प्राइवेट सेक्टर इकोनॉमी कमजोर ग्रोथ फेज में दिख रही है। इसकी वजह मुख्य रूप से चुनावों से पैदा हुए अवरोध हैं। सरकार बन जाने के बाद कंपनियां आम तौर पर बेहतरी दर्ज करती हैं। लीमा ने यह भी कहा कि हालांकि अकेले चुनाव इस स्लोडाउन की वजह नहीं हैं। सर्विस सेक्टर में प्रतिस्पर्धी हालात और ऑनलाइन बुकिंग्स की ओर कस्टमर्स के रुझान ने नए बिजनेस के रास्तों में रुकावट डाली है, जिससे ग्रोथ की रफ्तार धीमी हुई है।

निक्केई इंडिया कंपोजिट PMI में भी गिरावट
इस बीच मैन्युफैक्चरिंग व सर्विस इंडस्ट्री को मापने वाला निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स गिरकर 51.7 पर आ गया। मार्च में यह 52.7 के स्तर पर था। लीमा के मुताबिक, इस धीमी रफ्तार की एक अन्य वजह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर्स में महंगाई की दबाव कम होना भी है। साथ ही धीमी इकोनॉमी ग्रोथ ने बेंचमार्क रिपर्चेज रेट में आगे और कटौती की गुंजाइश बना दी है।
 

jyoti choudhary

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