भारत को JP Morgans और Citibanks जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े बैंकों की जरूरत: नीति आयोग CEO

punjabkesari.in Friday, May 17, 2024 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े बैंकों की जरूरत है, ठीक उसी तरह जैसे जेपी मॉर्गन और सिटी बैंक हैं। नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शुक्रवार को वित्तीय सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए यह बात कही। उनका कहना है कि “हमें बड़े बैंकों, ज्यादा ग्लोबल प्लेयर्स और ऐसे वित्तीय क्षेत्र की जरूरत है जो भारतीय कंपनियों को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सेवाएं दे सके।”

उन्होंने ये बातें दिल्ली में CII वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2024 में कहीं। उन्होंने कहा कि “हमें अपने खुद के जेपी मॉर्गन और सिटी बैंक चाहिए जो दुनियाभर में काम करें। इसके लिए काफी दूरदृष्टि की जरूरत है। हमारे नियामकों को इस पर गौर करना होगा।”

रिफॉर्म का एक और क्षेत्र भारत के बाहरी क्षेत्र को खोलना है। सुब्रह्मण्यम का कहना है कि 1991 और 1994 के सुधारों के दौरान, जब भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बना, ने देश के औद्योगिक बदलाव को गति दी थी। उन्होंने कहा कि “आज जो 90% कंपनियां मौजूद हैं, वो उस समय हुए बदलावों की वजह से इतनी बड़ी हैं। असल में आप प्रतिस्पर्धा और लाइसेंस खत्म होने जैसी चीजों से तरक्की करते हैं। अब कोई बड़ा सुधार करने की ज्यादा जरूरत नहीं है।”

सुब्रह्मण्यम ने यह माना कि खुली अर्थव्यवस्था में कुछ कंपनियां “खत्म हो सकती हैं” लेकिन यही “पूंजीवाद का नियम” है। उन्होंने कहा कि “कुछ खत्म होंगी लेकिन कई और उभरेंगी। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था का दायरा काफी बड़ा होगा।”

सुब्रह्मण्यम के मुताबिक सुधारों का तीसरा क्षेत्र शिक्षा और स्किलिंग है। उन्होंने कहा कि “इसके जवाब काफी मुश्किल हैं। लेकिन जब तक हम मुश्किल समस्याओं का समाधान नहीं करते, बाकी चीजें नहीं हो पाएंगी।”

उन्होंने कहा कि भारत ने रोजगार पैदा करने में तो अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन लेबर सेक्टर में पर्याप्त नहीं किया है। इस सेक्टर में नियमों और कायदों को लागू करने में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि “मुझे लगता है कि भारत के हर औद्योगिक क्षेत्र को एक ऐसा encleave (विशेष आर्थिक क्षेत्र) बना देना चाहिए जिसे कम नियमों और कम नियंत्रण का फायदा मिले।”


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Content Writer

jyoti choudhary

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