अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से भारत को राहत, सस्ते होंगे स्मार्टफोन, TV और फ्रिज
punjabkesari.in Thursday, Apr 10, 2025 - 01:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका और चीन के बीच गहराते ट्रेड वॉर का अप्रत्याशित फायदा अब भारतीय ग्राहकों को मिल सकता है। अमेरिका द्वारा चीन से आने वाले उत्पादों पर 125% टैरिफ लगाने के बाद चीनी कंपनियां नए बाजारों की तलाश में जुट गई हैं। इसी कड़ी में चीन की कई इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट निर्माता कंपनियां भारतीय कंपनियों को 5% तक की छूट दे रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस डिस्काउंट का सीधा असर भारतीय बाजार में देखने को मिल सकता है- जिससे स्मार्टफोन, टीवी, फ्रिज जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतें घट सकती हैं। इस रियायत से जहां ग्राहकों को राहत मिलेगी, वहीं घरेलू मांग को भी नई रफ्तार मिल सकती है।
ट्रंप के टैरिफ ने बदले अंतरराष्ट्रीय समीकरण
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार की स्थिति बन गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को चीन पर कुल 54% के कड़े टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी आयात पर 34% टैक्स लगा दिया। इसके तुरंत बाद अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 104 प्रतिशत कर दिया, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ को और बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया।
चीन के इस जवाबी कार्रवाई से बौखलाए ट्रंप ने 9 अप्रैल को एक फिर चीन पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया और इसे 125 फीसदी कर दिया लेकिन साथ ही उन देशों को राहत दी जो अमेरिका के खिलाफ टैरिफ नहीं लगा रहे। इससे ग्लोबल शेयर मार्केट ने राहत की सांस ली और इसमें तेजी देखने को मिली।
भारत को मिल सकता है बड़ा फायदा
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ वॉर से जहां वैश्विक बाजारों में चिंता का माहौल है, वहीं भारतीय कंपनियों के लिए यह एक मौका बनकर उभरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टकराव से भारत की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को फायदा मिल सकता है।
टैरिफ बढ़ने की वजह से चीन की एक्सपोर्ट कंपनियों पर दबाव बढ़ गया है, क्योंकि उन्हें अमेरिका से कम ऑर्डर मिलने लगे हैं। इस स्थिति में भारतीय कंपनियों के पास चीन से सस्ते में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स खरीदने और बेहतर कीमतों पर डील करने का मौका है।
गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में अप्लायंस बिजनेस के हेड कमल नंदी के मुताबिक, "चीन में डिमांड घटने से कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स पर दबाव बना है। ऐसे में भारतीय कंपनियों के पास अब रेट्स को लेकर फिर से बातचीत करने का मौका है, जो कीमतों में कटौती का रास्ता खोल सकता है।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में सामान्यतः 2 से 3 महीने का इन्वेंट्री साइकिल होता है, इसलिए भारतीय कंपनियां मई-जून से नए ऑर्डर देने की तैयारी में हैं। सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने बताया, “चीन में उत्पादन बढ़ गया है लेकिन अमेरिका से ऑर्डर घटने के चलते वहां की कंपनियों में बेचैनी है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए भारतीय कंपनियां अब कंपोनेंट्स की कीमतों पर फिर से बातचीत कर रही हैं। इसका फायदा अंततः ग्राहकों को भी मिलेगा, क्योंकि यह छूट प्रोडक्ट की कीमतों में परिलक्षित हो सकती है।”