भारत बना दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: आईएमएफ का अनुमान

punjabkesari.in Saturday, Nov 02, 2024 - 02:43 PM (IST)

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने आर्थिक परिदृश्य में कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इसमें निवेश और निजी खपत मुख्य योगदान दे रहे हैं।

महामारी के बाद की दबी हुई मांग अब समाप्त हो गई
आईएमएफ ने 2 अक्टूबर को जारी अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के पूर्वानुमान को वित्त वर्ष 2025 में 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 में 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद की दबी हुई मांग अब समाप्त हो गई है और भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी संभावित वृद्धि की दिशा में फिर से गति पकड़ रही है।

2025 में आर्थिक वृद्धि धीमी होने की संभावना
आईएमएफ ने अप्रैल में दिए गए पूर्वानुमान की तुलना में वृद्धि दर को 0.2 प्रतिशत अंक बढ़ाया है। इसका कारण कृषि मौसम में सुधार और सार्वजनिक अवसंरचना निवेश का निरंतर विस्तार बताया गया है, जिससे ग्रामीण उपभोग में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2024 और 2025 में एशिया में आर्थिक वृद्धि धीमी होने की संभावना है, जो उम्र बढ़ने और महामारी से उबरने में मिल रहे समर्थन को दर्शाता है।

विनिर्माण क्षेत्र एशिया की वृद्धि का मुख्य चालक रहा
आईएमएफ का कहना है कि इस साल एशिया और प्रशांत क्षेत्र से वैश्विक विकास में लगभग 60 प्रतिशत योगदान की उम्मीद है। हालांकि, यह परिदृश्य आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं पर निर्भर करेगा। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र एशिया की वृद्धि का मुख्य चालक रहा है, लेकिन अब आधुनिक और व्यापार योग्य सेवाओं की ओर बढ़ता संक्रमण विकास और उत्पादकता का नया स्रोत बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवाओं के विकास ने क्षेत्र के लगभग आधे श्रमिकों को इस क्षेत्र में खींच लिया है, जबकि 1990 में यह संख्या केवल 22 प्रतिशत थी।

वित्त-संचार प्रौद्योगिकी में भी तेजी आने की संभावना
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विस्तार के साथ-साथ आधुनिक सेवाओं जैसे वित्त, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में भी तेजी आने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में आईएमएफ-विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के दौरान बताया कि भारत को पारंपरिक विनिर्माण आधारित विकास के अलावा नए विकास रणनीतियों की आवश्यकता है, जो अधिक रोजगार सृजित कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में नौकरी बाजार में प्रवेश करने के लिए आवश्यक कौशल में बदलाव आ रहा है, खासकर युवाओं के लिए, क्योंकि वैश्विक आर्थिक चुनौतियां और तकनीकी परिवर्तन तेजी से हो रहे हैं।


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Content Editor

rajesh kumar

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