भारत की वृद्धि दर वर्ष 2017-18 में 7.5% से अधिक रहेगी: अशोक लवासा

punjabkesari.in Friday, May 12, 2017 - 04:03 PM (IST)

न्यूयॉर्कः वित्त सचिव अशोक लवासा के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है तथा राजकोषीय घाटा एवं मुद्रास्फीति समेत मूल आर्थिक कारकों की दृष्टि से देश ‘अच्छी स्थिति’ में है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जहां विश्व में हर जगह आर्थिक मंदी देखी गई, भारत अपनी स्वस्थ वृद्धि को बनाए रखने में कामयाब रहा है। लवासा यहां एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन में भागीदारी करने आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक (वित्त वर्ष) 2017-18 की बात है, मुझे अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि यह (वृद्धि दर) उतनी नहीं हो सकती है जितनी लोगों ने अपेक्षा की है लेकिन अन्य अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत अपनी स्वस्थ वृद्धि दर को जारी बनाए रखेगा।’’ लवासा ने इस बात पर जोर दिया कि चालू खाते का घाटा, राजकोषीय घाटा, महंगाई और भुगतान संतुलन समेत सभी बुनियादी मानकों पर भारत की ‘स्थिति अच्छी’ में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सभी स्तरों पर भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है। हमारा मानना है वृद्धि के लिए जिस तरह की संभावनाएं भारत में हैं उसकी बराबरी कहीं नहीं है।’’

लवासा ने कहा कि भारत बदलाव से गुजर रहा है और इस कारण वहां उपभोग की मांग बढ़ेगी। इन बदलाओं में जीवनशैली और तीव्र शहरीकरण जैसे कई महत्वपूर्ण कारक हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सकारात्मकताएं हैं और ‘‘भारत न केवल अच्छी वृद्धि दर से आगे बढऩा जारी रखेगा बल्कि यह कई निवेशकों के लिए एक बहुत आकर्षक स्थान भी बना रहेगा।’’


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