UPI से करते हैं पेमेंट...तो ध्यान दें, 15 सितंबर से बदल जाएंगे UPI के नियम
punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 04:51 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। नए नियम 15 सितंबर 2025 से लागू होंगे। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बड़े लेन-देन की लिमिट बढ़ा दी गई है यानी पहले जहां एक बार में सीमित रकम ही भेजी जा सकती थी, अब एक ही ट्रांजेक्शन में लाखों रुपए तक का भुगतान संभव होगा।
यह बदलाव खास तौर पर पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पेमेंट्स पर लागू होगा। मतलब ग्राहक अब आसानी से बड़े ट्रांजेक्शन एक बार में निपटा सकेंगे। जैसे....
- इंश्योरेंस प्रीमियम
- लोन की EMI
- क्रेडिट कार्ड बिल
- ट्रैवल बुकिंग
- सरकारी भुगतान
पहले इसके लिए कई बार छोटे-छोटे भुगतान करने पड़ते थे लेकिन अब यह झंझट खत्म हो जाएगा। व्यापारी भी बिना देरी के ग्राहकों से बड़े पेमेंट्स ले पाएंगे। इससे न केवल समय बचेगा बल्कि रियल-टाइम सेटलमेंट भी और आसान होगा। कुल मिलाकर, यह बदलाव भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और तेज़ व मजबूत बना देगा।
कहां बढ़ी कितनी लिमिट?
कैपिटल मार्केट इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस पेमेंट के लिए लिमिट को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इन कैटेगरी में रोजाना अधिकतम 10 लाख रुपए तक का भुगतान किया जा सकेगा। इसी तरह, क्रेडिट कार्ड बिल के लिए भी एक बार में 5 लाख रुपए तक का पेमेंट किया जा सकेगा, जबकि इसकी डेली लिमिट 6 लाख रुपए होगी। पहले यह सिर्फ 2 लाख रुपए थी। ट्रैवल से जुड़े पेमेंट्स की लिमिट भी बढ़ा दी गई है, जहां अब प्रति ट्रांजेक्शन 5 लाख और रोजाना 10 लाख रुपए तक का भुगतान संभव होगा। इसके अलावा, सरकारी ई-मार्केटप्लेस जैसे अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट और टैक्स पेमेंट के लिए भी प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है, जिसमें 24 घंटे की लिमिट 10 लाख रुपए होगी।
बैंकिंग और अन्य सर्विस में भी बदलाव
बैंकिंग और अन्य सेवाओं में भी अब बड़े लेन-देन आसान हो जाएंगे। डिजिटल तरीके से टर्म डिपॉजिट खोलने की लिमिट को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है, जो प्रति ट्रांजेक्शन और प्रति दिन दोनों पर लागू होगी। हालांकि, डिजिटल अकाउंट खोलने की सीमा अभी भी 2 लाख रुपए ही रहेगी। भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के जरिए विदेशी फॉरेन एक्सचेंज रिटेल पेमेंट की लिमिट भी 5 लाख रुपए कर दी गई है। वहीं ज्वैलरी खरीदने के लिए प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई है और रोजाना 6 लाख रुपए तक खर्च करने की सुविधा होगी। लोन और EMI पेमेंट्स की लिमिट भी बढ़ाकर प्रति ट्रांजेक्शन 5 लाख रुपए और रोजाना 10 लाख रुपए कर दी गई है।
इन बदलावों का उद्देश्य बड़े डिजिटल पेमेंट्स को और आसान और तेज बनाना है। पहले ज्यादा रकम चुकाने के लिए लोगों को कई बार छोटे ट्रांजेक्शन करने पड़ते थे लेकिन अब एक ही बार में बड़े पेमेंट संभव होंगे। इससे रियल-टाइम सेटलमेंट आसान होगा और कारोबारियों को भी बिना देरी बड़े पेमेंट लेने की सुविधा मिलेगी। हालांकि, बैंकों को अपनी जोखिम नीति के आधार पर इन लिमिट्स को कम करने की छूट रहेगी।